स्पेशल का लोगो

नंबर गेम

- वर्ष 2016 में बनी थी योजना

- 3 करोड़ का बजट किया गया था प्रस्तावित

- 50 बेड का है आईसीयू

- 60 लाख एसी का बजट

- 40 लाख एसी के काम का बजट

- 25 बेड पर वेंटीलेटर की व्यवस्था

- 10 करोड़ के वेंटीलेटर फांक रहे धूल

-शताब्दी 2 में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग का मामला

-आईसीयू का काम पूरा पर मरीजों को सुविधा नहीं

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक करोड़ से अधिक बजट से आईसीयू का निर्माण कराया गया। कई माह पहले ही यह पूरा भी हो गया, लेकिन कार्यदायी संस्था को इसका पेमेंट न मिल पाने के कारण मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसके कारण करोड़ों की लागत से आए करीब 10 करोड़ के वेंटीलेटर धूल फांक रहे हैं। पता चला है कि बिना अप्रूवल के ही इतना बड़ा काम केजीएमयू ने करा लिया। अब पेमेंट नहीं हो पा रहा है जिसके कारण कार्यदायी संस्था यूपी राजकीय निर्माण निगम ने इसे हैंडओवर करने से मना कर दिया है।

शताब्दी में बना नया आईसीयू

मामला शताब्दी अस्पताल में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग से जुड़ा है। केजीएमयू के शताब्दी फेज 2 में वर्ष 2016 में 50 बेड का आईसीयू बनाने की योजना बनी थी। जिसके लिए करीब तीन करोड़ का बजट का प्रस्तावित किया गया, लेकिन शासन ने देने से मना कर दिया। बाद में तय हुआ कि सामान, वेंटीलेटर, एसी का काम और मेडिकल गैस का काम अलग अलग कराया जाए। इसके लिए करीब 60.01 लाख में एसी और 40 लाख में एसी का काम कराने का बजट बना।

काम पूरा, मरीजों को सुविधा नहीं

केजीएमयू ने राजकीय निर्माण निगम को आदेश देकर आईसीयू का काम शुरू करा दिया। यह काम करीब कई माह पहले ही पूरा भी हो चुका है, लेकिन केजीएमयू के वित्त अधिकारी ने इसका पेमेंट रोक दिया। केजीएमयू अधिकारियों ने बताया कि वित्त अधिकारी का कहना है कि बिना अप्रूव लिए ही इतना बड़ा काम कराया गया। आरएनएन ने इसका कोई ब्यौरा भी उपलब्ध नहीं कराया। इसके कारण कार्यदायी संस्थान ने इसे हैंडओवर करने से ही मना कर दिया है।

सस्ती दरों पर मिल सकेगा इलाज

बता दें कि इस आईसीयू में 50 बेड पर मरीजों को सुविधाएं मिलनी हैं। जिनमें से करीब 25 बेड पर वेंटीलेटर की भी सुविधा मिलनी है, लेकिन यूपी आरएनएन अब इसे हैंडओवर नहीं कर रहा है। इसके कारण मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। डॉक्टर्स की मानें तो आईसीयू शुरू होने से ट्रॉमा की वेंटीलेटर यूनिट पर लोड कम होगा और अधिक मरीजों को सस्ती दरों पर बेहतर इलाज मिल सकेगा।

आरएनएन भेज रहा रिमाइंडर

इतना बड़ा अमाउंट के बिलों का भुगतान न हो पाने के कारण राजकीय निर्माण निगम पिछले कई माह से केजीएमयू को लगातार पेमेंट के लिए रिमाइंडर भेज रहा है। आरएनएन के भुगतान मांगने पर केजीएमयू प्रशासन ने कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई। डॉ। एसएन शंखवार और डॉ। अक्षय ने जून माह में ही जांच की और 75 फीसद काम का पेमेंट करने की संस्तुति की थी। जिसके बाद आरएनएन ने कहा था कि भुगतान के 10 दिनो के अंदर आईसीयू मरीजों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा, लेकिन केजीएमयू ने भुगतान ही नहीं किया।

कोट

आईसीयू बनकर तैयार है। कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण पेमेंट में समस्या है। यह आईसीयू शुरू होने पर ट्रॉमा पर लोड कम होगा।

डॉ। एसएन शंखवार, प्रवक्ता, केजीएमयू