जब आप किसी ऐसे इंसान से मिलते हैं, एक स्पेशल फीलिंग आती है तो रिश्ता भी स्पेशल बन जाता है और यह जरूरी नहीं कि ऐसा इंसान आपको आपके पहले ही रिलेशन में मिल जाए. प्यार बहुत ही खूबसूरत, गहरी और इंटेंस फीलिंग है. प्यार की इस दुनिया को बस महसूस करने की जरूरत है. जब आप गुस्सा और अपसेट होते हैं पूरा जहान उदास लगता है, लेकिन जब इंसान के दिल में प्यार का अहसास होता है उसे हर चीज खूबसूरत नजर आती है. प्यार बहुत ही खूबसूरत अहसास है.

जब मैं क्लास फोर्थ में था, गर्लफ्रेंड और ब्वायफ्रेंड क्या होते हैं इससे अनजान था, तब मुझे अपने पहले क्रश का एक्सपीरियंस हुआ था जो आज भी मेरी यादों में मौजूद है. रिश्ते हर इंसान की जिन्दगी का अहम हिस्सा होते हैं. हर रिश्ते को अहमियत देनी भी चाहिए, लेकिन कई बार रिश्तों के बंधन से आजादी जिन्दगी की जरूरत बन जाती है. किसी रिलेशनशिप को निभाना है इसलिए उसे निभाया जाए तो यह एक तरह से बेइमानी ही है. वो संबंध जो जिन्दगी में आगे न बढऩे दे, लाइफ को एक ऐसे रास्ते में अटका दे जहां से आपका आगे जाना ही मुश्किल हो तो ऐसे रिलेशन्स को एक खूबसूरत मोड़ देकर खत्म कर देना ही अच्छा है.

जब हम इस मुश्किल रास्ते को एक बार तय कर लेंगे तो पता चलता है कि दरअस्ल जिन्दगी इसके आगे ही है. सिर्फ इसलिए कि वो मेरा पहला प्यार है, मैं उसे भूल नहीं सकता..सिर्फ इन बातों को सोचकर किसी रिलेशन को निभाना गलत है. हां, यह जरूर है कि हर रिश्ते को एक चांस जरूर देना चाहिए. यह भी जरूरी नहीं कि एक इंसान से एक रिश्ता अगर टूटता है तो वो आपकी जिन्दगी में शामिल नहीं हो सकता. उसे दोस्त बनाकर जिन्दगी भर एक हेल्दी फ्रेंडशिप को निभाया जा सकता है. मेरी जिन्दगी में ऐसे पल आए हैं. हमने सोचा कुछ और था, लेकिन जब अहसास हुआ तो हमने अलग होने का फैसला लिया, लेकिन आज भी वो मेरी लाइफ में दोस्त की तरह अजीज हैं. यह जरूरी नहीं कि कोई शख्स आपकी जिन्दगी में तभी स्पेशल हो जब वो महबूब और महबूबा की शक्ल में ही आपके पास हो. मैं बहुत ही प्राइवेट शख्स हूं. अपनी चीजों को लोगों के बीच नहीं लाना चाहता और मेरी कविताएं भी ऐसे ही हैं.

मैं अपने लिए लिखता हूं, उन्हें पढ़ता हूं और उनसे प्यार भी बहुत करता हूं. मैं अपनी लिखी कविताओं को शायद खुद इतना अच्छा नहीं मानता कि सबको सुनाऊं. लेकिन मेरी कविताएं होती रोमांस पर ही हैं. वो रोमांस नहीं जो सिर्फ एक लडक़े और लडक़े में होता है. प्यार की परिभाषा को बहुत छोटी सोच में तब्दील कर दिया गया है. प्यार सिर्फ एक लडक़ा और लडक़ी में, पति-पत्नी के बीच या फिर भाई बहनों के बीच होता है, प्यार के लिए यही एक आम सोच हो गई है. मुझे लगता है यह बिल्कुल गलत है. पेड़ पौधों को देखकर, ऊंचे पहाड़ों से गुजरते हुए, कभी बारिश की बूंदों की रुनझुन से या फिर अपने काम से प्यार के बहुत रूप और आकार हैं. उसे किसी बंधन या पहले और दूसरे की गिनती में नहीं बांधा जा सकता. यह कब लाइफ को स्पेशल बना दे कुछ कहा नहीं जा सकता.