- स्मार्ट बनने की राह पर गोरखपुर तेजी से बढ़ा रहा कदम

- काली मंदिर पर लगी इंडिया की पहली सरदार वल्लभ भाई पटेल की रिवॉल्विंग प्रतिमा

GORAKHPUR: गुजरात में लगे 182 मीटर के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के चलते देश के साथ ही विदेशों तक में गुजरात का नाम लिया जा रहा है। इसी तर्ज पर सीएम सिटी गोरखपुर भी स्मार्ट बनने की राह पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसका उदाहरण शहर के चौराहे हैं जो अभी कुछ ही दिनों पहले लावारिस नजर आते थे। जब शहर के व्यापारियों ने उन्हें गोद लिया तो उनकी चमक से हर कोई हतप्रभ है। काली मंदिर स्थित चौराहे पर बनकर तैयार हुई सरदार वल्लभ भाई पटेल की रिवॉल्विंग प्रतिमा अलग ही छटा बिखेर रही है। इसकी स्थापना कराने वाले रॉयल रेजीडेंसी के डायरेक्टर रक्ष ढिंगरा का दावा है कि ये इंडिया में पहली सरदार वल्लभ भाई पटेल की रिवॉल्विंग प्रतिमा है।

गोरखपुर को दिलाना चाहते अलग पहचान

आईएचएम औरंगाबाद से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी करने वाले रक्ष ढिंगरा को विदेश में भी नौकरी मिल रही थी लेकिन उन्होंने अपनी जन्मभूमि को ही अपने काम के लिए चुना। उनका मानना है कि उन्होंने जो भी शिक्षा ग्रहण की है उससे वो गोरखपुर के लिए कुछ कर सकें। गोरखपुर में चार साल से बिजनेस में उतरे रक्ष ने अपनी शुरूआत ही अलग ढंग से की थी। उन्होंने गोरखपुर में सबसे अलग एक रेस्टोरेंट खोला। जहां जाने पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की यादें ताजा हो जाती हैं। नगर निगम ने उन्हें कई चौराहों को गोद लेने की पेशकश की थी। लेकिन रक्ष ने केवल एक ही चौराहे की तस्वीर बदलने की सोची। रक्ष ने बताया कि जितना रुपया इस चौराहे पर खर्च किया है इतने में चार चौराहों को चमकाया जा सकता था लेकिन वो कुछ अलग करना चाहते थे जिससे गोरखपुर की पहचान इंडिया लेवल पर हो सके।

दोस्त से लिया आइडिया

रक्ष ने बताया कि काली मंदिर स्थित पटेल चौक को अलग पहचान दिलाने के लिए उन्होंने अपने दिल्ली में रहने वाले आर्किटेक्ट दोस्त से बात की। जिसने उन्हें रिवॉल्विंग प्रतिमा लगवाने का सुझाव दिया। जिसके बाद रक्ष ने चाहे जो भी कीमत लगे उसे लगवाने को ठानी। जिसके बाद दिल्ली से आए इंजीनियर ने सरदार पटेल की रिवॉल्विंग प्रतिमा को मूर्त रूप दिया। जिसका उद्घाटन प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया।

व्यापारियों ने लिया गोद तो बदली सूरत

गोरखपुर में 22 मेन चौराहे हैं। जिन्हें अलग-अलग व्यापारियों ने गोद लिया है। गोद लेने के बाद ज्यादातर चौराहों की सूरत भी बदल गई है। वहीं कुछ चौराहों पर अभी निर्माण कार्य चल रहा है। चौराहों के सुंदरीकरण से गोरखपुर शहर की चमक और बढ़ गई है।