- दहेज लेना ही नहीं दहेज देना भी है बड़ा अपराध

- यूपी में पहली बार हुआ है दहेज देने पर मुकदमा

- एसीजेएम प्रथम ने मायके पक्ष को भी बनाया अभियुक्त

Meerut: दहेज हत्या के आरोप में ससुरालियों को सलाखों के पीछे भिजवाना अब आसान नहीं रहा है, जितना दहेज लेने वाला दोषी है, उतना ही दोषी दहेज देने वाला भी दोषी है। इसी कानून के तहत एक मायके वाले फंस गए हैं। जज ने मायके वालों को भी अभियुक्त बना लिया है, जिसके बाद से मायके पक्ष के लोग भी काफी दहशत में है। वहीं ससुरालियों ने राहत की सांस ली है।

क्या है मामला

देहली गेट एरिया के रहने वाले विपिन अग्रवाल ने अपने बेटे विपुल अग्रवाल की शादी ख्00म् में जागृति विहार निवासी शिल्पी से की थी। शादी के बाद से ही विपिन और शिल्पी में क्लेश रहने लगा था। रोजाना की मारपीट से तंग आकर शिल्पी ने ख्ख् जून ख्009 को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद मायके वालों ने दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए ससुराल में हंगामा खड़ा कर दिया था। देहली गेट थाने में शिल्पी के पिता सतेंद्र अग्रवाल ने पति सास, ससुर, ननद और उसके पति के खिलाफ देहली गेट थाने में दहेज एक्ट की धारा ब्98 ए, फ्0ब् बी, फ्ख्फ् आईपीसी व धारा फ्-ब् दहेज अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में भाई विशाल अग्रवाल और सतेंद्र अग्रवाल ने कोर्ट में गवाही दी थी। यह मुकदमा एसीजेएम फ‌र्स्ट कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में पति विपुल, ससुर विपिन, सास स्वराज अग्रवाल जेल में गए थे। बाद में जमानत पर बाहर आ गए थे। एसीजेएम प्रथम ने मृतक लड़की के पिता सतेंद्र और भाई विशाल को दहेज देने के आरोप में मुल्जिम बना दिया है। जिसके बाद से मायके पक्ष के लोगों में खलबली मची हुई है।

यूपी में दर्ज हुआ है पहला मुकदमा

कचहरी के सीनियर एडवोकेट विजय कुमार ने बताया कि यूपी में पहली बार मुकदमा दहेज देने वालों के खिलाफ दर्ज करने के लिए जज ने आदेश दिए हैं। इस प्रकार के मुकदमे कायम होने से दहेज हत्या के होने वाले फर्जी मुकदमों में कमी आएगी। इस प्रकार के मुकदमे कायम होने से लोग फर्जी मुकदमे लिखवाने से डरेंगे। साथ ही कानून का पालन भी होगा। दहेज देने से भी लोग परहेज करेंगे।

पांच साल की सजा का प्रावधान

एडवोकेट विजय कुमार ने बताया कि दहेज प्रतिषेध धिनियम सेक्सन तीन के तहत दहेज देने वालों के खिलाफ पांच साल या पांच साल से अधिक सजा दी जा सकती है। अभी कोर्ट में क्8 सितंबर ख्0क्ब् की तारीख लगी हुई है, इसके लिए कोर्ट ने सम्मन भी भेज दिया है। तारीख पर नहीं पहुंचने पर गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिए जाएंगे। साथ ही क्8 सितंबर को पांच साल की सजा भी कानून का मजाक बनाने वालों पर हो सकती है। इसमें कार्रवाई का प्रावधान पांच साल का है।