नई दिल्ली (पीटीआई)। फिच रेटिंग एजेंसी ने शुुक्रवार को भारत की अनुमानित आर्थिक विकास दर 7 से घटा कर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। यह दर 1 अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए जारी की गई है। फिच ने इस कमी की वजह बताते हुए कहा है कि देश के अर्थव्यवस्था में अनुमान के मुताबिक तेजी देखने को नहीं मिल रही है। ग्लोबल इकोनाॅमिक आउटलुक में फिच ने कहा कि इसके बाद वित्त वर्ष 21 में भारत की आर्थिक विकास दर 7.1 प्रतिशत रहेगी। इससे पहले एजेंसी ने 6 दिसंबर को वित्त वर्ष 19 का जीडीपी अनुमान 7.8 से घटा कर 7.2 प्रतिशत कर दिया था। साथ ही एजेंसी ने वित्त वर्ष 20 का जीडीपी अनुमान 7.3 से घटा कर 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 21 का जीडीपी अनुमान 7.3 से घटा कर 7.1 कर दिया है।

बढ़ सकती है महंगाई
फिच के मुताबिक आरबीआई की मौद्रिक पाॅलिसी बहुत शांत रही है और उसने फरवरी 2019 की बैठक में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कमी की थी। आरबीआई का यह कदम लगातार घटती मुद्रस्फीति को देखते हुए उठाया गया। फिच ने कहा कि हम अपने अनुमान में बदलाव कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि 2019 में 25 बेसिस प्वाइंट की एक और कमी देखने को मिलेगी। यह कमी महंगाई दर को लक्ष्य से नीचे रखने और आसान वैश्चिक माॅनिटरिंग कंडीशन को ध्यान में रखकर की जाएगी। दूसरी ओर राजकोषीय हालात पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 20 के लिए बजट में किसानों को कैश ट्रांसफर की योजना है। साथ ही तेल कीमतों को देखते हुए आने वाले महीनों में फूड आइटम्स भी महंगे हो सकते हैं। ग्रामीण की आय बढ़ने और खपत बढ़ने से भी इसे समर्थन मिलेगा।

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