110 कुल वार्ड शहर में

5 प्रमुख बड़े नाले

500 लाख नाला सफाई व्यय (18-19)

149.12 लाख व्यय हुआ 1 अप्रैल 17 से 31 दिसंबर 17 तक

5 बड़े प्रमुख नाले

3 हजार से अधिक छोटी नालियां एक-एक वार्ड में

- आरआर विभाग की ओर से कराई जानी है 82 नालों की सफाई

- नाले तो साफ हो रहे, लेकिन कई प्वाइंट्स बन गए हैं मुसीबत

LUCKNOW

बारिश से पहले नालों की सफाई तो शुरू करा दी गई है लेकिन स्थिति यह है कि नाला सफाई के दौरान कई ऐसे प्वाइंट्स मुसीबत बन गए हैं, जिनसे नाला सफाई में अड़चन आ रही है। हैरानी की बात तो यह है कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए निगम के पास कोई एक्शन प्लान नहीं है। जिससे साफ है कि पहली बारिश के दौरान शहर को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ेगा। हालांकि निगम के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि नाला सफाई में आ रही अड़चनों को दूर कर लिया जाएगा।

82 नालों की सफाई का लक्ष्य

नगर निगम के आरआर विभाग की ओर से 82 नालों की सफाई का काम कराया जाना है। पिछले बीस से पच्चीस दिनों से नाला सफाई का काम किया जा रहा है। निगम अधिकारियों की माने तो करीब साठ से सत्तर फीसदी नालों की सफाई कराई जा चुकी है। बाकी का काम अगले माह तक पूरा हो जाएगा।

मशीनें उतारने की जगह नहीं

नाला सफाई के दौरान कई जगह अड़चने भी सामने आ रही हैं। जिससे नालों की सफाई ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है। जानकारी के अनुसार, कई जगह नालों के ऊपर रेलवे क्रासिंग है। इन जगहों पर सफाई का काम करना काफी चुनौतीपूर्ण है। इसी तरह जोन 6 में कई जगहों पर नाले की सफाई के दौरान जगह की कमी के कारण मशीनें ही नहीं उतारी जा सकीं। इन जगहों पर मैनुअली सफाई कराई जा रही है। वहीं कई प्वाइंट्स ऐसे हैं, जहां सिल्ट रखने की जगह नहीं है। इन जगहों की सफाई के बाद सिल्ट 500 से 600 मीटर दूर भिजवाई जा रही है। जिसने न केवल नाला सफाई में खर्च बढ़ रहा है, बल्कि काम भी प्रभावित हो रहा है।

छोटे-नाले नालियों पर ध्यान नहीं

भले ही बड़े नालों की सफाई शुरू कर दी गई हो लेकिन अभी छोटे नाले-नालियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे बारिश में जलभराव होना तय है। पार्षदों की ओर से कई बार इस संबंध में निगम में मांग दर्ज कराई जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई खास रिस्पांस सामने नहीं आया है।

बड़े नालों की सफाई शुरू करा दी गई है। कुल 82 नालों में से करीब 70 फीसदी नालों की सफाई कराई जा चुकी है, शेष नालों की सफाई भी जल्द करा ली जाएगी।

कमलजीत सिंह, प्रभारी, आरआर विभाग