1985 में इंद्रप्रस्थ सोसाइटी के जमीन आवंटन के मामले में हुआ था मुकदमा दर्ज

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MEERUT :  डोरली रोड स्थित इंद्रप्रस्थ हाउसिंग सोसायटी में हुए करोड़ो के घोटाले के मामले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के पूर्व उप आयुक्त वीके चौधरी को शुक्रवार को लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। वीके चौधरी पर 2004 में अपने कार्यकाल के दौरान हाउसिंग सोसाइटी की जमीन गलत तरीके से अपने रिश्तेदारों को आवंटित करने का आरोप लगा था। इस मामले में कोर्ट में मामला चल रहा था।

 

विवादों में थी सोसाइटी

साल 1985 में रजिस्टर्ड हुई इंद्रप्रस्थ हाउसिंग सोसायटी की नींव रखे जाने के कुछ समय बाद ही सोसायटी विवादो में घिर गई थी। दरअसल, इस मामले में विजेन्द्र चौहान ने सोसायटी रजिस्टर्ड कराने वाले सतपाल सिंह देशवाल, राजपाल और राजमोहन सहित आवास विकास में तैनात कई अधिकारियों पर करोड़ो के घोटाले का आरोप लगाते हुए कोर्ट में वाद दायर किया था। तत्कालीन उप आयुक्त वीके चौधरी पर आरोप लगा था कि वर्ष 2004 में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सोसायटी की जमीन अपने सगे संबंधियो के नाम कर दी थी।


350 करोड़ का घोटाला

इस मामले में गत वर्ष तत्कालीन कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार द्वारा अंतिम जांच कराई गई थी। इस जांच में करीब 300 करोड़ के घोटाले का खेल उजागर हुआ था, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर मेरठ पुलिस ने यूपी आवास विकास परिषद में उप आयुक्त के पद पर तैनात रहे वीके चौधरी को लखनऊ स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।

 

भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट के आदेश पर मेरठ पुलिस ने लखनऊ से आवास विकास के पूर्व उप आयुक्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस उन्हें लेकर मेरठ आ रही है। कल अदालत में पेश किया जाएगा।

रणविजय सिंह, एसपी सिटी

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भ्रष्टाचार में लिप्त एसडीओ और जेई के खिलाफ एफआईआर

- बिजली विभाग में भ्रष्टाचार के मामलों पर बड़ी कार्रवाई

- जांच के बाद दोनों अधिकारियों का किया गया था तबादला

बिजली चोरी के मामले में उपभोक्ता के साथ सांठगांठ रखने के मामले में विद्युत विभाग के अवर अभियंता और गलत बिल संशोधन कर उपभोक्ता का उत्पीड़न करने के मामले में उपखंड अधिकारी के खिलाफ पॉवर एमडी आशुतोष निरंजन के आदेश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त पाए गए इन अधिकारियों का एमडी ने तत्काल स्थानांनतरण कर कार्यवाही की है।


1.60 लाख की रिश्वत

अवैध रूप से रिश्वत के मामले में एक उपभोक्ता की शिकायत पर अवर अभियंता लवकुश के खिलाफ एमडी पॉवर द्वारा द्विसदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई गई थी। इस मामले में अवर अभियंता द्वारा 1.60 लाख रुपए रिश्वत का मामला सामने आने पर अवसर अभियंता को चार्जशीट जारी करते हुए बुलंदशहर तबादला किया गया।

 

संशोधन के नाम पर

वहीं एक दूसरे मामले में उप खंड अधिकारी जवाहर सिंह 1.82042 के बकाये का नोटिस भेजे जाने के मामले में जांच में पाया गया कि उप खंड अधिकारी ने उपभोक्ता का बिल संसोधन के बाद 69 हजार से बढ़ाकर 1.82 लाख रुपए कर दिया। इस मामले में उपखंड अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट जारी करते हुए मुरादाबाद तबादला किया गया है।

 

भ्रष्टाचार के मामलों में उपभोक्ताओं के उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों पर प्राथमिकता के स्तर पर जांच व कार्यवाही की जा रही है।

- आशुतोष निरंजन, एमडी पॉवर