RANCHI: रांची के नगड़ाटोली में रहकर पढ़ाई करने वाले चतरा हंटरगंज निवासी युवराज सिंह अपहरणकांड में पुलिस ने बिहार के शेखपुरा जिला बरबीघा से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें वीरेंद्र पासवान उर्फ कालू, परमानंद सिंह, सतीश पासवान व अजीत सिंह शामिल हैं। इनलोगों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। गौरतलब हो कि युवराज के अपहरण व 40 लाख फिरौती मांगने के मामले में उसके परिजनों ने 28 अगस्त को लालपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस किडनैपर गिरोह में हाजीपुर का शंकर तिवारी, प्रतीक तिवारी, अर्जुन सिंह चंद्रवंशी और हाजीपुर जौहरी बाजार निवासी काशी राय को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इन्होंने अपहरण व फिरौती मांगने की बात स्वीकारी है। मामले में पुलिस आईपीएस अमित रेणु के नेतृत्व में पुलिस पटना, वैशाली गई और युवराज को बिहार के शेखपुरा बरवीघा से बरामद की थी।

क्या है मामला

सिटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि युवराज सिंह नगड़ाटोली में रहकर योगदा सत्संग कॉलेज धुर्वा में आईकॉम में पढ़ता था तथा रॉकमेन क्रिकेट कोचिंग संस्थान में क्रिकेट सीखता था। उसकी दोस्ती शंकर तिवारी से हुई। वह भी उसी कोचिंग में क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रहा था। दोनों धुर्वा के मुन्ना सिंह के मकान में एक ही कमरा में रहते थे और बाद में दोनों लोअर करमटोली स्थित शंकर लॉज में साथ रहने लगे। युवराज सिंह को संपन्न घर का लड़का जानकर शंकर तिवारी योजना के तहत अपने मौसेरे भाई प्रतीक तिवारी, अर्जुन सिंह चंद्रवंशी, अजीत कुमार, छोटू सिंह, विरेंद्र पासवान उर्फ कालू, अंगद सिंह, दिलीप सिंह के साथ मिलकर उसके अपहरण की योजना बनाई। रक्षाबंधन से पूर्व हाजीपुर एवं पटना घूमने का लालच देकर बुलवा लिया, फिर उसे बंधक बना लिया गया। युवराज के ही मोबाइल से अपराधियों ने उसके पिता मनोज सिंह से 40 लाख रुपए की फिरौती मांगी। इस संबंध में लालपुर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब अनुसंधान किया तो पाया कि उसके अपहरण में उसके ही रूममेट का हाथ है।