-खजनी एरिया के बोगा ईट भट्ठे पर हुई घटना से दहला था जिला

-नर पिशाचों की तलाश में दो बार खाली हाथ लौट चुकी है पुलिस

कुर्क करने के लिए प्रक्रिया चल रही
Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR : चार साल पहले जिले में एक ऐसी घटना हुई थी जिसकी याद आने पर लोग आज भी सिहर उठते हैं। यह वह घटना थी जिसने साबित किया कि वाकई नर-पिशाच होते हैं। खजनी के बोगा ईट भट्ठे पर हुई घटना के आरोपियों को पुलिस अरेस्ट नहीं कर सकी है। नर-पिशाच दंपति की तलाश में नाकाम रहने पर पुलिस ने उनकी प्रापर्टी कुर्क करने की तैयारी की है। कोर्ट से अनुमति मिलने पर पुलिस कार्रवाई को आगे बढ़ाने में जुटी है। अभियुक्तों की तलाश में दो बार पुलिस टीम को झारखंड भेजा गया था। लेकिन अभियुक्त दंपति के नक्सली इलाके में छिपे होने से पुलिस टीम उनकी गिरफ्तारी की हिम्मत नहीं जुटा सकी। दंपति के साथ हत्या की साजिश में रहे एक युवक ने घटना का पर्दाफाश किया था। सीओ ने बताया कि अभियुक्तों की प्रापर्टी कुर्क करने के लिए प्रक्रिया चरही है।

हंसिया से पेट फाड़कर खा गए थे कलेजा
छह अगस्त 2014 की सुबह लोग खेतों की ओर गए। खेत में तीन टुकड़ों में पड़ी डेडबॉडी देखकर लोगों ने शोर मचाया। पुलिस पहुंची तो युवक की पहचान सोनबरसा, चिलुआताल निवासी पप्पू के रूप में हुई। वह खजनी में बोगा गांव के पास ईट भट्ठे पर मजदूरी करता था। लोगों ने बताया कि भट्ठे पर ही गुमला, झारखंड निवासी जनक, पवन और सोनू के साथ पप्पू रात में अपने कमरे में जुआ खेलते देखा गया था। हत्या का राज जानने के लिए पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि जनक और उसकी पत्नी राधा फरार हैं। पवन ने पुलिस को बताया कि जुए में हारजीत को लेकर जनक और पप्पू के बीच मारपीट हुई थी। जनक की पत्नी राधा भी वहां पहुंच गई। चोट के कारण पप्पू बेहोश हो गया तो जनक और उसकी पत्नी ने हंसिए से पेट फाड़कर उसकी हत्या कर दी। वे डेडबॉडी को खेत में ले गए और पेट फाड़कर कलेजा निकाला। कलेजा पकाकर नमक के साथ तीनों ने मिलकर खाया। जो टुकड़ा नहीं खा पाए थे। उसे झाड़ी में फेंक दिया। पुलिस ने पवन को अरेस्ट कर लिया। दंपति की तलाश में छापेमारी करती रही। यह सामने आया कि पप्पू अक्सर जनक की पत्नी राधा को काहो कलेजा कहकर पुकारता था। इसी वजह से उसका कलेजा खाने का फैसला दंपति ने लिया था।

दो बार लौटी पुलिस, तीसरी बार नहीं हुई हिम्मत

खजनी की घटना से पुलिस वाले भी सकते में आ गए थे। झारखंड के गुमला, निवासी जनक और उसकी पत्नी राधा की तलाश में दो बार पुलिस टीम भेजी गई। लेकिन दोनों बार पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। तीसरी बार जब टीम गठित हुई तो सामने आया कि वह दोनों नक्सली इलाके में रहते हैं। इसलिए उनकी गिरफ्तारी संभव नहीं है। इसलिए पुलिस टीम दबिश देने नहीं जा सकी। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने 20 मार्च 2016 को अभियुक्तों के खिलाफ कुर्की की मुनादी कराई। लेकिन अभियुक्तों ने सरेंडर नहीं किया। पुलिस का कहना है कि फरार चल रहे अभियुक्त अपनी चल और अचल प्रापर्टी को हटाने की फिराक में हैं। इसलिए पुलिस उनकी प्रापर्टी को जब्त करने की तैयारी में है। एसओ खजनी की ओर से अभियुक्तों को सात दिन के अंदिर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दिया है। इसका एक विज्ञापन भी पुलिस प्रकाशित करा चुकी है।

सारा सामान उठा ले गए थे दंपति
युवक का कलेजा खाने की घटना के बाद ईट भट्ठा को बंद करा दिया गया था। पुलिस का कहना है कि वहां पर ज्यादातर झारखंड के मजदूर काम करते थे। आरोपित दंपति की तलाश में जिले के अन्य भट्ठों पर मजदूरों से पूछताछ की गई। लेकिन पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका। खानाबदोश की जिदंगी जीने वाले आरोपित के सही ठिकाने की जानकारी पुलिस को नहीं मिली। इसलिए टीम को अक्सर भटकना पड़ा। अभियुक्तों का कोई कीमती सामान भी भट्ठे पर मौजूद नहीं है। सवाल उठता है कि ईट भट्ठे पर काम करने वाले जिन मजदूरों को पुलिस अरेस्ट नहीं कर सकी। उनके मुकदमे की कार्रवाई पूरी करने में पुलिस को कितनी चल-अचल प्रापर्टी मिल सकेगी। अभियुक्तों की प्रापर्टी कुर्क करना भी पुलिस के लिए नाको चने चबाने जैसा होगा।

वर्जन
खजनी थाना में दर्ज हत्या के मुकदमे में अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उनकी प्रापर्टी कुर्क करने के लिए मुनादी कराई गई थी। अब आगे की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। कार्रवाई संबंधित नोटिस जारी की जा चुकी है। इस घटना में एक अभियुक्त को अरेस्ट किया गया था। मुख्य आरोपी दंपति की तलाश चल रही है।

रचना, सीओ खजनी