-बाबा के जाल में फंसकर छात्रा ने गंवाए डेढ़ लाख रुपए

-पतंजलि की फ्रेंचाइजी के नाम पर सवा लाख रुपए हड़पे

BAREILLY: ठगों के जाल में लोग आसानी से फंसते जा रहे हैं। थर्सडे को भी ठगी के अलग-अलग 4 मामले सामने आए। किसी को बाबा ने तंत्र-मंत्र से जॉब दिलाने तो किसी को बाबा की शॉप की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ठग लिया। कोई बीमा के बोनस के जाल में फंस गया तो कोई एनजीओ के जाल में। सभी पीडि़तों ने एसएसपी ऑफिस व संबंधित थानों में मामलों की शिकायतें की हैं। पुलिस सभी मामलों की जांच में जुट गई है।

 

फोन से बाबा से किया संपर्क

फाल्तूनगंज निवासी महिला की बेटी एमएससी जूलॉजी फ‌र्स्ट ईयर की स्टूडेंट है। वह पढ़ाई और जॉब को लेकर काफी परेशान थी। अप्रैल 2017 में उसने एक बाबा के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। बाबा ने उसकी पढ़ाई अच्छी होने और अच्छी नौकरी लग जाने का झांसा देकर फंसा लिया। उसने छात्रा की मां को भी अपने भरोसे में ले लिया। बाबा ने अपना नाम अजमेर निवासी करीम खां बताया था। उसके बाद बाबा ने छात्रा को डराना शुरू कर दिया कि यदि वह रुपए जमा नहीं करेगी तो उसे भस्म कर देगा, वह उसके परिवार को तबाह कर देगा। बाबा ने छात्रा से पीएनबी के नईम मलिक के अकाउंट में कई बार में जमा करा लिए। छात्रा ने अपने दोस्त के अकाउंट से भी 11 हजार रुपए जमा कर दिए। बाबा ने करीब डेढ़ लाख रुपए इस तरह से जमा करा लिए।

 

शाहजहांपुर में जमा हुए रुपए

डेढ़ लाख रुपए जमा करने के बाद भी जब कोई फायदा नहीं हुआ तो फिर बेटी ने अपनी मां को बताया। उन्होंने दिए गए नंबर पर बात की तो फोन स्विच ऑफ जाने लगा। उसके बाद उन्होंने बैंक में जाकर पता किया तो सामने आया कि रुपए शाहजहांपुर में जमा हुए हैं। अब उसने बारादरी थाना में शिकायत की है। पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई है।

 

ईमेल के जरिए पतंजलि शॉप के लिए संपर्क

जनकपुरी प्रेमनगर निवासी सरिता गुप्ता बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के प्रोडक्ट की रिटेल शॉप खोलना चाहती थीं। उन्हें कॉल सेंटर हरिद्वार के जरिये पतंजलि आयुर्वेद ऑर्गनाइजेशन हरिद्वार का विवरण मिला। 18 फरवरी को उन्होंने पतंजलि के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल की। कॉल करने पर उन्हें बताया गया कि वह ईमेल के जरिए एक फार्म भर दें, जिसके बाद आगे की प्रोसेस शुरू होगी। फार्म फिलअप करने के बाद प्रमेंद्र श्रीवास्तव नाम के शख्स ने उनसे संपर्क किया। उसने खुद को पतंजलि हरिद्वार का वर्कर बताया। उसने रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 25 हजार रुपए जमा करा लिए। उसने फिर अकाउंट में माल डिलीवरी के नाम पर दो लाख रुपए एडवांस मांगे तो उन्होंने बेटी के अकाउंट से एक लाख रुपए जमा करा दिए। उसके बाद न तो कोई मेल और न कोई फोन आया। उन्होंने शक होने पर पतंजलि ऑफिस में फोन किया तो टाल मटोल की गई। जिसके बाद में बताया गया कि उनके यहां कोई भी प्रमेंद्र नाम का कर्मचारी नहीं है। सरिता ने प्रेमनगर थाना में एफआईआर दर्ज कराई है।

 

बीमा पॉलिसी में बोनस के नाम पर ठगी

वीर सावरकर नगर निवासी शेर सिंह पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने बेटे के नाम से रिलायंस इश्योरेंस में पॉलिसी करा रखी है। 22 मार्च को उनके मोबाइल पर अशोक मौर्य ने बीमा कंपनी का कर्मचारी बताते हुए फोन किया। उसने कहा कि उसका बीमा में बोनस आया है। यदि बोनस चाहिए तो उन्हें अकाउंट में 7300 रुपए जमा करने होंगे। उसके बाद श्वेता सिंह, सुरेश यादव, राहुल सिंह चंदेल, सतीश अग्रवाल, सतीश अरोड़ा समेत कई ने उन्हें फोन कर अलग-अलग अकाउंट में डेढ़ लाख रुपए जमा करवा लिए। इसके बाद भी उनसे रुपयों की डिमांड की गई तो उन्होंने रुपए जमा करने में असमर्थता जताई तो फिर सभी ठगों के मोबाइल नंबर बंद हो गए। शेर सिंह की तहरीर पर इज्जतनगर पुलिस ने सभी 6 ठगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली है।

 

एनजीओ में जॉब के नाम पर ठगी

मथुरापुर सीबीगंज निवासी अनिल कुमार ने न्यूज पेपर के जरिए राजेंद्र नगर स्थित एक एनजीओ में जॉब की जानकारी मिली थी। वह एनजीओ के ऑफिस गया और उसे जॉब पर रख लिया गया। उसे विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन कुछ फार्म दे दिए गए, लेकिन फार्म में किसी का पता और साइन करने से साफ इनकार किया था। एनजीओ ने बताया था कि वह बैंक से जुड़े हुए हैं। उसने 30 रुपए प्रति फार्म के तहत 156 फार्म भरवाए। कुछ दिनों बाद उसे पता चला कि एनजीओ फर्जी है तो उसने नौकरी छोड़ने की बात कही। इस पर उसे बंधक बना लिया गया और 18 हजार रुपए भी मांगे गए। उसने एनजीओ कर्मचारियों के खिलाफ थर्सडे को एसएसपी ऑफिस में शिकायत की है।