- पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार

- फरार चल रहे बाकी आरोपियों की पुलिस कर रही तलाश

DEHRADUN बैंक लोन सेटलमेंट कराने के नाम पर इंफ्रास्ट्रकचर कंपनी के मालिक से लाखों की ठगी करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले में शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य व्यक्तियों की तलाश की जा रही है।

क्या है मामला

7 अप्रैल 2017 को संजीव सिंह कुठालवाली जौहड़ी ने तहरीर दी थी कि वह ओएनजीसी से रिटायर्ड अपने ससुर कृष्णकांत के साथ कृसाली इंफ्रास्ट्रेक्चर प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी चलाता था। हार्ट अटैक से ससुर की मौत हो गई थी। इसके बाद कंपनी घाटे में चली गई और बैंक का काफी कर्जा भी हो गया था। कर्जा न देने पर कंपनी और बैंक के बीच केस चल रहा था जो कि डीआरटी लखनऊ में लंबित है।

ऐसे किया गुमराह

संजीव के अनुसार इसी दौरान उसकी पहचान अमरपाल पुत्र जयचंद निवासी मेरठ से हुए थी। मामले के सटलमेंट कराने को लेकर अमरपाल ने संजीव को चन्द्रपाल नाम के एक व्यक्ति से मिलवाया, जो हरिद्वार का रहने वाला था। चन्द्रपाल ने संजीव को आश्वासन दिया कि उनका कोई परिचित वित्त मंत्रालय है। जो बैंक सेटलमेंट करा सकता है। इसके बाद चन्द्रपाल ने संजीव को भगवान शर्मा पुत्र रवि दत्त शर्मा हरियाणा से मिलाया जिसने खुद को डीजीएम स्टेट बैंक लुधियाना बताया और स्टेट बैंक मुंबई के पीए को अपना ब्रदर बताकर और बैंक लोन सटलमेंट कराने की बता कही।

17.50 लाख मांगे

लोन सैटलमेंट के नाम पर संजीव ने इन लोगों ने संजीव से 17 लाख 50 हजार देने की बात कही। संजीव ने विश्वास में आकर अलग-अलग खाते व चैक से रकम दी, लेकिन जब संजीव द्वारा बैंक लोन सेटलमेंट कराने की बात कही तो वे टालमटोल करने लगे। संजीव ने पैसे वापस मांगने की बात कही तो जान से मारने की धमकी दी गई।

हरियाणा से पकड़ा आरोपी

रिपोर्ट दर्ज होन के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की। हाल ही में आरोपी भगवान शर्मा की लोकेशन हरियाणा मिली। पुलिस टीम हरियाणा से भगवान शर्मा को सैटरडे को गिरफ्तार कर दून लाई। पूछताछ में आरोपी ने दो लोगों मनीष गोयल और प्रकाश जैन के नाम बताये। पुलिस अब इन लोगों की अब तलाश में जुट गई है।

3.50 करोड़ देनदारी

मामले में विवेचना कर रहे सबइंस्पेक्टर दीपक द्विवेदी ने बताया कि संजीव ने ससुर कृष्णकांत के साथ मिलकर कंपनी खोलने के लिए 2 करोड़ का लोन लिया था। ससुर की मौत के बाद कंपनी घाटे में चली गई और लोन नहीं चुका पाए, जिसका ब्याज 1.50 करोड़ रुपए हो गया था। जब बैंक रिकवरी के लिए आया तो संजीव के पास पैसे नही थे तो बैंक ने कंपनी पर केस कर दिया था।

बैंक लोन को सैटलमेंट कराने के नाम पर इंफ्रास्ट्रेक्चर कंपनी के मालिक से लाखों ठगने वाले एक आरोपी को गिफ्तार किया गया और अन्य की तलाश जारी है

दीपक द्विवेदी, विवेचक