-पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा-2018 के इलाहाबाद स्थित केंद्र में चल रहा था फर्जीवाड़ा

-तीन मोबाइल फोन, पांच मोबाइल स्क्रीन शॉट और एक फर्जी आधार कार्ड बरामद

LUCKNOW:

पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा-2018 की फुलप्रूफ प्लानिंग उस वक्त धरी की धरी रह गई जब यूपी एसटीएफ ने इलाहाबाद के एक परीक्षा केंद्र में एक फर्जी कक्ष निरीक्षक और उसके दो मददगारों को धर दबोचा। पूछताछ में पता चला कि पकड़ा गया जालसाज नकल कराने के लिये फर्जी आधार कार्ड की मदद से कक्ष निरीक्षक बनने में सफल हो गए थे, हालांकि वे अपने मंसूबे में कामयाब हो पाते इससे पहले ही वे एसटीएफ के राडार पर आ गए। टीम ने आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन, पांच मोबाइल स्क्रीन शॉट और एक फर्जी आधार कार्ड बरामद किया है।

भनक लगते ही मारा छापा

एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा-2018 की गुरुवार को होने वाली दूसरी पाली में एसटीएफ टीमें निगरानी में जुटी थीं। इसी दौरान इलाहाबाद स्थित टीम को सूचना मिली कि करैली स्थित आरबीएस इंटर कॉलेज में एक जालसाज दूसरे के नाम का आधार कार्ड बनवाकर परीक्षार्थियों को नकल कराने के लिये कक्ष निरीक्षक बन गया है। इसकी भनक लगते ही एसटीएफ टीम ने कॉलेज में छापा मारा। छापेमारी के दौरान कक्ष संख्या 16 एंव 17 का बायोमेट्रिक आपरेटर महेंद्र सिंह शातिराना अंदाज में फूलपुर निवासी दिवाकर साहू के नाम का फर्जी आधार कार्ड बनवाकर खुद की फोटो लगाकर ड्यूटी करता मिला।

दो मददगार भी दबोचे

जालसाजी की पुष्टि होने पर एसटीएफ टीम ने महेंद्र सिंह को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में महेंद्र ने बताया कि उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाने और उसकी मदद से परीक्षा में ड्यूटी लगवाने में दीपेंद्र पटेल व पवन कुमार पांडेय ने अहम भूमिका निभाई थी। बताया कि इन्हीं लोगों ने दारागंज स्थित गुलाब स्टूडियो से फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। महेंद्र के इस कबूलनामे के बाद पुलिस ने आरोपियों दीपेंद्र व पवन को भी अरेस्ट कर लिया। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना व आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर अरेस्ट कर लिया गया है।