- शहर के पांच घाटों पर होने थे फसाड डेवलपमेंट के काम

- दो बार टेंडर होने के बाद भी कार्यदायी संस्थाओं ने नहीं ली रुचि

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VARANASI

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स को तय समय में पूरा करने के लिए सरकार चाहे जितना गम्भीर हो, लेकिन टेंडर का पेंच और अफसरों की उदासीनता से कई काम अब तक शुरू तक नहीं हो सका है। यही कारण है कि पांच प्रमुख गंगा घाटों को संवारने की योजना आज तक परवान नहीं चढ़ पाई। इस प्रोजेक्ट के लिए चार महीने में दो बार टेंडर निकाला गया, लेकिन किसी कार्यदायी संस्था ने काम कराने में रुचि नहीं ली। इन घाटों पर फसाड डेवलपमेंट के तहत तमाम काम होने थे। अब नगर निगम तीसरी बार इसका टेंडर करने जा रहा है।

अब तक होना था आधा काम

दरअसल, शहर के दशाश्वमेध, शीतला, दरभंगा, अहिल्याबाई और मुंशीघाट पर फसाड डेवलपमेंट के तहत मई से काम शुरू होना था। स्मार्ट सिटी की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (पीएमसी) कम्पनी एएनबी ने अप्रैल में इसका टेंडर निकाला, लेकिन किसी कार्यदायी संस्था ने टेंडर नहीं भरा। इसके बाद जून में फिर से टेंडर निकाला गया। फिर भी किसी एजेंसी ने काम कराने में रुचि नहीं ली। पीएमसी के अफसरों के मुताबिक लागत कम होने की बात कहकर कार्यदायी एजेंसियां आगे नहीं आ रही हैं।

दिखती आकष्र्ाक छटा

पौराणिक महत्व वाले घाट अगर संवरते तो इनकी अलग छटा दिखती, लेकिन तकनीकी कारणों से आज तक काम शुरू नहीं होने से इसपर ग्रहण लग गया। इससे अलग नमामि गंगे प्रोजेक्ट से शहर के 26 अन्य गंगा घाटों पर बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने का काम चल रहा है।

ये होने हैं काम

- सीढि़यों को संवारना

- भवनों पर बनी मूल आकृतियों को पुराने स्वरूप में लाना

- दीवारों पर लगे केमिकल पेंट को हटाकर नेचुरल लुक देना

- बॉयोग्रेडिबल टॉयलेट व यूरिनल का निर्माण

- भवनों पर फसाड लाइटिंग कार्य

- दो घाटों पर पुलिस बूथ का निर्माण

- घाटों पर रैम्प का निर्माण

एक नजर

- 5.22 करोड़ रुपये है टोटल लागत

- 05 घाटों पर होना है फसाड डेवलपमेंट

- 31 दिसम्बर तक पूरा होना था काम

टेंडर नहीं होने से पांच घाटों पर काम शुरू नहीं हो पाया है। तीसरी बार संशोधित टेंडर निकालने का प्रॉसेस चल रहा है।

डॉ। नितिन बंसल, सीईओ, स्मार्ट सिटी