- आसमान से बरस रही आग से बदन रहा झुलस

-बढ़ते तापमान के साथ बिजली कटौती कर रही परेशान लोगों का जीना हुआ मुहाल

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गर्मी अपना असली रूप दिखा रही है। पार दिन ब दिन चढ़ता ही जा रहा है। बदन झुलसाने वाली धूप और उमस से हर कोई बेहाल है। इससे बचने के लिए लोग दिन चढ़ते ही घर में दुबक जा रहे हैं। जिनकी मजबूरी है बाहर रहना वो गर्मी से बचने के पूरे इंतजाम के साथ निकल रहे हैं। सोमवार को तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा था। वहीं पिछले कई दिनों से जारी बिजली की आवाजाही सोमवार को भी यथावत थी। इन सब के बीच बिजली कटौती जले पर नमक छिड़क रही है। अघोषित बिजली कटौती से लोगों को दोपहर में आराम मिल रहा न रात में चैन मिल पा रहा है। गर्मी लोगों की सेहत पर भी भारी पड़ रही है। हॉस्पिटल्स में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एसएसपीजी हॉस्पिटल की ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 2000 के पार कर गई है। इसमें सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक के मरीज है। ऐसी ही स्थिति डीडीयू समेत अन्य गवर्नमेंट हॉस्पिटल की है।

उमस ने किया तर-बतर

मौसम विभाग की मानें तो सप्ताह का पहला दिन बेहद गर्म रहा। सोमवार का तापमान अधिकतम 42.6 डिग्री, मिनिमम 28.2 दर्ज किया गया। जो कि रविवार की तुलना में एक डिग्री ज्यादा था। वहीं हृयूमिडिटी बढ़ने से गर्मी

का एहसास कुछ ज्यादा ही हो रहा है। बनारस समेत पूर्वाचल व पूरा प्रदेश ताप लहर की चपेट में है। पछुआ हवा आग के थपेड़ों की तरह चल रही है। जिसकी वजह से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अभी मौसम ऐसा ही बना रहेगा। मौसम में बदलाव के संकेत नहीं हैं। बुधवार को पारा एक डिग्री कम हो सकता है, लेकिन हृयूमिडिटी बनी रहेगी। मौसम विज्ञानी प्रो। एसएन पांडेय के मुताबिक अभी गर्मी इसी तरह परेशान करेगी।

लोग हो रहे बीमार

गर्मी की मार से बीमारों की संख्या भी बढ़ रही है। सोमवार को मंडलीय हॉस्पिटल में मरीजों की जबरदस्त भीड़ रही। ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों की लगी लाइन गेट तक पहुंच गई थी। मेडिसिन व चाइल्ड ओपीडी में जांच के लिए पहुंचे मरीजों में सबसे ज्यादा डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक व लू लगने की शिकायत थी। चिकित्सकों का कहना था कि ऐसे मौसम में कम पानी और भारी खाना सेहत बिगाड़ सकता है।

नो ट्रिपिंग जोन में भी बिजली गुल

शहर को 24 घंटे बिजली करने के आदेश के साथ ही इसे नो ट्रिपिंग जोन घोषित किया गया है। लेकिन भीषण गर्मी में सब दावे हवा-हवाई हैं। शटडाउन तो ट्रिपिंग तो कहीं अघोषित कटौती के चलते उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है। कटौती का कोई वक्त नहीं है। रात-दिन दोपहर-शाम किसी भी वक्त बिजली कटौती हो जाती है। रूरल एरिया में तो हालात बदतर हैं। चितईपुर, कंदवा, अवलेशपुर, नरिया, बाईपास, रमना, सारनाथ समेत दर्जनों क्षेत्रों में पांच से छह घंटे की कटौती हो रही है। वहीं अधिकारियों की दलील है कि डिमांड के मुताबिक शहर में पूरी बिजली दी जा रही है। टेक्निकल फाल्ट व ओवरलोडिंग होने से पावर कट हो रहा है। रविवार को सारनाथ क्षेत्र से लगायत कई एरिया में रात भर बिजली गुल रही।

क्या करें

-इस मौसम में लू के संपर्क में आने से बचें।

- घर से निकलने से पहले भरपूर पानी पी लें

-शरीर को ग्लब्स, गमछे या टॉवेल से कवर करके ही घर के बाहर निकलें

- धूप से आकर ठंडा पानी न पीएं, बॉडी टेम्प्रेचर नॉर्मल होने दें।

गर्मी का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है, खासकर बच्चों पर। तीन चार दिन में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

डॉ। बीएन श्रीवास्तव, एसआईसी एसएसपीजी हॉस्पिटल

चाइल्ड ओपीडी में मौसम की वजह से बीमार 400 बच्चों की रोजाना जांच की जा रही है। इस मौसम में बच्चों की सेहत का ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है।

डॉ। जेपी गुप्ता, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, एसएसपीजी हॉस्पिटल

उपभोक्ताओं को बिजली देने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। ओवर लोडिंग के चलते लाइन ट्रिप कर रहा है। जिसे चेक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है।

डीकेडी द्विवेदी, अधिशाषी अभियंता