- शहर भर की कॉलोनियों में लगे गेट हैं अवैध

- कॉलोनियों को गेट लगाकर बंद करने का नहीं है प्रावधान

- विकास प्राधिकरण द्वारा गेट बंद कॉलोनी की नहीं दी जाती परमीशन

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AGRA। सिटी में अच्छी-अच्छी कॉलोनियां बनाई गई हैं। उन्हें बिना किसी की परमीशन लिए गेट लगाकर बंद भी कर दिया गया, लेकिन गेट लगाने के दौरान यह नहीं सोचा गया कि कॉलोनी बंद करने का कोई प्रावधान है या नहीं। विकास प्राधिकरण की नजर में कॉलोनी में गेट लगाना पूरी तरह से इल्लीगल है।

गेट लगाने की परमीशन नहीं देता प्राधिकरण

कॉलोनी बनाने की परमीशन तो विकास प्राधिकरण दे देता है, लेकिन कॉलोनी को कवर्ड करने के लिए गेट लगाने की परमीशन विकास प्राधिकरण नहीं देता है। कॉलोनाइजर्स अपनी मनमानी करते हुए कॉलोनी में गेट लगाकर उस पर अपना कब्जा कर लेते हैं।

मोस्टली कॉलोनियां हैं गेट बंद

सिटी की मोस्टली कॉलोनियों को डेवलपर्स द्वारा गेट बंद बनाया गया है। किसी भी कॉलोनी को बंद करने के लिए विकास प्राधिकरण से परमीशन नहीं ली गई है। विकास प्राधिकरण के सचिव के मुताबिक, अभी तक किसी भी कॉलोनाइजर ने कॉलोनी बंद करने के लिए गेट लगाने की परमीशन नहीं मांगी है। लेकिन वर्तमान में मोस्टली कॉलोनी गेट बंद ही हैं।

किसने दी परमीशन?

कॉलोनी को बंद करने की परमीशन आखिर किसने दी, यह सबसे बड़ा प्रश्न है। जबकि एडीए के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी भी कॉलोनाइजर ने गेट लगाने की परमीशन के लिए एडीए में लैटर नहीं दिया है। सत्यता तो यह है कि एडीए के अधिकारियों को भी गेट बंद कराने की परमीशन नहीं है।

जमकर उड़ाई गई धज्जियां

कॉलोनियों में गेट लगाकर सरेआम विकास प्राधिकरण के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन इसके बाद भी विकास प्राधिकरण द्वारा कोई ठोस एक्शन कॉलोनाइजर्स द्वारा नहीं लिया जा रहा है। यही कारण है कि कॉलोनाइजर्स द्वारा लगातार बनती नई कॉलोनियों को गेट लगाकर बंद किया जा रहा है।

हो सकता है जुर्माना

यदि एडीए चाहे, तो कॉलोनी को बंद करने वाले कॉलोनाइजर्स पर जुर्माना ठोंक सकता है, साथ ही गेट बंद कॉलोनी के गेट को उखड़वा भी सकता है। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए एडीए प्रशासन देखने के बाद भी इसे अनदेखी कर देता है।

आपातकालीन होता है कॉलोनी का रास्ता

सिटी में बनाई जाने वाली कॉलोनियों का मार्ग खुला हुआ होना चाहिए, क्योंकि प्राधिकरण का तर्क है कि आपातकालीन स्थिति में लोग निकलने के लिए विकल्प तलाशते हैं, जो उन्हें कॉलोनियों की रोड के रूप में मिल जाता है। जब कॉलोनी का गेट बंद कर दिया जाएगा, तो वह लोग कहां से होकर निकलेंगे।

'गेट बंद कॉलोनी बनाए जाने का कोई प्रावधान प्राधिकरण में नहीं है, कई बार लोगों द्वारा कंपलेन करने पर गेटों को तुड़वाया भी गया है.'

इश्ति्याक अहमद, टाउन प्लानर

'अभी तक कोई भी कॉलोनाइजर गेट बंद कॉलोनी के लिए नहीं आया है। सुरक्षा को देखते हुए लोग गेट लगा लेते हैं। हालांकि प्राधिकरण इसकी अनुमति नहीं देता है.'

रवीन्द्र कुमार, एडीए सचिव