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क्कन्ञ्जहृन् : पटना की आबोहवा भयावह स्थिति में पहुंच चुकी है। पीएम 2.5 जैसे घातक प्रदूषक तत्व का उच्च स्तर खतरनाक है। यह तय मानक से करीब चार गुना अधिक है जो पटनाइट्स के लिए काफी घातक है। इसके अलावा आज दैनिक जागरण ऐसा खुलासा करने जा रहा है जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि पटना में जाम की समस्या आम है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति आधे घंटे जाम में फंसता है तो वह लगभग 15 सिगरेट के बराबर धुआं अपने शरीर में प्रवेश करा लेता है। ऐसे में यह तय है कि जो सिगरेट पीता है उसका फेफ ड़ा तो खराब हो रहा है। इसके अलावा जो सिगरेट नहीं पीता है वह भी इसके खतरनाक धुएं का शिकार हो रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की एक्सक्लूसिव स्टोरी में पढि़ए पटनाइट्स कैसे हो रहे बीमार।

वाहन कम फिर भी बढ़ा खतरा

इन दिनों पटना में स्कूल और कॉलेजों में छुट्टियां चल रही हैं। सड़कों पर स्कूल और कॉलेजों के वाहन नहीं चल रहे हैं। सरकारी ऑफिस भी बंद है। कम गाडि़यों के चलने के बावजूद भी पटना में प्रदूषण का स्तर लगातार खराब ही रह रहा है।

पटनाइट्स हो रहे बीमार

पटना में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अभाव है। इसके कारण यहां पर लोग खुद का व्हीकल ज्यादा उपयोग करते हैं। ऐसे में हर किसी को जाम का सामना करना पड़ता है। सीनियर फिजिशियन डॉ दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि यदि कोई दिनभर में कम से कम आधे घंटे तक जाम में फंसता है। इस दौरान वाहनों से निकलने वाली प्रदूषित गैस उसे बीमार करने के लिए काफी है। यह करीब 15 सिगरेट से निकलने वाले धुएं के बराबर होता है जो पटनाइट्स को बीमार कर रहा है। जाम वाले रूट में डाकबंगला, बोरिंग रोड, एग्जीबिशन रोड, नाला रोड, हथुआ मार्केट और अशोक राजपथ प्रमुख रूप से शामिल है।

4 साल में हो जाएगा कैंसर

सीनियर फिजिशियन डॉ दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि यदि वर्तमान स्तर के प्रदूषित वातावरण में कोई रहता है तो उसे चार साल में फेफडे़ का कैंसर हो सकता है। 30 से भी कम उम्र वर्ग के लोगों में फेफड़े का कैंसर होने के लक्षण दिख रहे हैं। खास तौर पर अस्थमा, सीओपीडी और अस्थमा के केसेज बढ़ रहे हैं।

पटना की एयर क्वालिटी

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