-पुलिस के पास साल भर में महिला उत्पीड़न और वाहन चोरी की सबसे अधिक पहुंची शिकायतें

-पीएम के संसदीय क्षेत्र में रेप और छेड़खानी का शिकार भी हुई 'बेटियां'

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VARANASI : 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। ऐसा हम नहीं बल्कि बनारस पुलिस का आंकड़ा बोल रहा है। साल भर में पुलिस रिकार्ड में दर्ज आपराधिक मामलों में महिला उत्पीड़न की घटनाएं काफी अधिक हैं। हालांकि सबसे अधिक मामले वाहन चोरी के दर्ज किए गए हैं। अपहरण व छेड़खानी के मामले भी कम नहीं थे। एक साल में महिला उत्पीड़न की 493 शिकायतें पुलिस तक पहुंचीं। डराने वाली बात यह है कि अपहरण की 423 घटनाएं हुई। वहीं बनारस में साल भर में वाहन चोरी के 653 मामले दर्ज हुए।

खतरे में अस्मत

बनारस में महिलाएं किस कदर अनसेफ है इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि इस साल रेप के 81 मामले सामने आए है। कठोर नियम बनाने के बावजूद बेटियों, युवतियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं नहीं थमी और 217 शिकायतें साल भर में दर्ज की गई। यही नहीं विवाहिताओं को दहेज के लोभ में जलाकर मारने, जहर देकर हत्या करने, फांसी को मजबूर करने के मामले इस साल सुर्खियां बने। पुलिस के रिकार्ड की मानें तो दहेज हत्या के 35 मामले दर्ज किए गए हैं।

 

लेते रहे जान पर जान

बनारस में बदमाश इस कदर बेलगाम हैं कि किसी जान लेने में भी उन्हें खौफ का एहसास नहीं होता है। पूरे साल पुलिस को चुनौती देते हुए एक के बाद एक ताबड़तोड़ हत्या करते रहे। बनारस पुलिस की लाख चौकसी के बावजूद 45 लोग मौत के घाट उतारे गए। साल भर में हत्या के कुल 45 मामले बनारस पुलिस के रिकार्ड में दर्ज हैं।

 

खाकी का नहीं रहा जोर

मकान के ताले तोड़ने और दुकानों में सेंधमारी करने वालों पर पूरे साल पुलिस का जोर नहीं चला। पुलिस गश्त का दावा करती रही फिर भी घरों के ताले खूब चटकते रहे। साल भर के आंकड़ों पर गौर करें तो घरों में चोरी की 198 वारदात पुलिस रिकार्ड में दर्ज की गई हैं। चेन स्नेचिंग की 49 घटनाएं हुई।


बलवा, लूट ने भी डराया

सुरक्षा व कानून व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने को लेकर भले ही सीएम योगी आदित्यनाथ व डीजीपी ओमप्रकाश सिंह आदेश पर आदेश देते रहे बावजूद शहर का माहौल खराब करने की कोशिश बदस्तूर जारी रही। इस साल बलवा की 74 शिकायतों ने पुलिस को सोचने पर विवश किया है। जबकि बदमाशों ने बेखौफ होकर लूट की 42 घटनाओं को अंजाम दिया। व्यापारियों से लेकर चिकित्सकों सहित आम जन से लूट की घटनाएं भी साल भर में खूब हुई।

 

एक नजर

653

वाहन चोरी की घटनाएं

493

महिला उत्पीड़न

423

अपहरण

217

छेड़खानी

198

घरों में चोरी

81

दुष्कर्म

74

बलवा

49

चेन स्नेचिंग

45

हत्या

42

लूट

35

दहेज हत्या

01

डकैती

 

महिला उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गई है। अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है। पुलिस का खौफ है कि जमानत तुड़वाकर अपराधी जेल जा रहे है।

आनंद कुलकर्णी, एसएसपी