प्रदेश की यूनिवर्सिटीज में दिए गए 1653 मेडल में 1085 लड़कियों को

राज्यपाल रामनाइक ने सौंपी बच्चों को डिग्री, सात छात्रों को मिले मेडल

Meerut। जीवन में कठोर परिश्रम, प्रामाणिकता, पारदर्शिता व सही रास्ते का चुनाव ऐसे मूलमंत्र हैं, जिन्हें अपनाकर छात्र अपने जीवन में सफलता की ऊंचाइयां छू सकते हैं। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता हैं। अगर असफल हो रहे हैं तो आत्मनिरीक्षण करें, सुधार का रास्ता देखें, सफलता जरूर मिलेगी। सफलता का यह मंत्र उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने छात्रों को दिया। दरअसल राज्यपाल सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में गुरुवार को बतौर कुलाधिपति पहुंचे।

6 स्टूडेंट्स को गोल्ड

विश्वविद्यालय पहुंचने पर जिलाधिकारी अनिल ढींगरा और एसएसपी अखिलेश कुमार ने बुके देकर राज्यपाल का स्वागत किया। इस दौरान राज्यपाल ने पशु-पक्षी अस्पताल का लोकापर्ण करने के साथ ही 274 छात्र-छात्राओं को उपाधियां भी बांटी। जिसमें 120 कृषि स्नातक, 67 जैव प्रौद्योगिकी स्नातक, 57 मास्टर्स व 30 पीएचडी के स्टूडेंट्स शामिल रहे। जबकि 6 स्टूडेंट्स को गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज वाइस चांसलर मेडल दिया गया। साथ ही एक छात्रा को ऑवरऑल चांसलर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आनंद कृषि विश्वविद्यालय गुजरात के कुलपति प्रोफेसर एनसी पटेल ने शिरकत की। इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय के वीसी प्रो। गया प्रसाद, कुल सचिव डॉ। बीआर सिंह, सीसीएसयू के वीसी प्रो। एन.के। तनेजा व भाजपा के कई पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

लड़कों को पछाड़ रही लड़कियां

करियर के अन्य क्षेत्रों की तरह कृषि में लड़कियों की भागीदारी को देख दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रामनाईक ने खुलकर लड़कियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पुरुषों का माना जाता रहा है, लेकिन लड़कियां अब न केवल इस क्षेत्र में नए रास्ते बना रही हैं, बल्कि लड़कों को पछाड़ भी रही हैं। कुलाधिपति ने कहा कि अगर इसी दीक्षांत समारोह में देखें तो दिए गए सात पदकों में से पांच पदक लड़कियों अपने नाम किए हैं। जबकि केवल दो पदक लड़कों ने हासिल किए हैं। वहीं अगर पासिंग प्रतिशत देखें तो 71 प्रतिशत लड़कियां सफल हुई हैं। लड़कों का प्रतिशत सिर्फ 29 प्रतिशत है। प्रदेशभर की बात करें तो सभी यूनिवर्सिटीज में अब तक दिए गए कुल 1653 मेडल में 1085 लड़कियों ने हासिल किए हैं।

समय से हो रहे दीक्ष्ांत समारोह

इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में दीक्षांत समारोह पिछले दो सालों से समय पर हो रहा है। पिछले साल जहां पहला समारोह 9 सितंबर, 2017 को हुआ, वहीं 19 मई, 2018 को आखिरी समारोह हुआ था। जिसमें 253 दिनों का समय लगा था लेकिन इस साल यह अवधि 84 दिनों में पूरी हो रही है। 24 अगस्त, 2018 से शुरू हुआ दीक्षांत समारोह 15 नवंबर, 2018 को समाप्त हो रहा है।

बच्चों की तरह रखें पशुओं का ख्याल

आनंद कृषि विवि, गुजरात के कुलपति प्रोफेसर एनसी पटेल ने कहा कि गुजरात में महिलाएं गाय-भैंसों की देखभाल अपने बच्चों की तरह करती हैं, इसलिए ही गुजरात की मिल्क इंडस्ट्रीज तेजी से आगे बढ़ी है। यूपी में पशुपालन को लेकर अभी व्यवसायिकता कम है। लोग पशुओं की देखभाल और उनके रखरखाव पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। अगर इन्हें अपने बच्चों की तरह रखा जाए तो निश्रि्वत ही दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा।

इन छात्रों को मिले मेडल

अनम सिद्दकी- बीटेक बायोटेक्नोलॉजी में वाइस चांसलर गोल्ड मेडल व आउटस्टैंडिंग परफार्मेस के लिए चांसलर गोल्ड मेडल

अक्षिता

बीटेक बॉयोटैक्नोलॉजी में सिल्वर मेडल

निकिता देशवाल

बीटेक बॉयोटैक्नोलॉजी में ब्रांज मेडल

विशाल कुमार

बीएससी एग्रीकल्चर में वाइस चांसलर गोल्ड मेडल

अंजलि आर्या

बीएससी एग्रीकल्चर में सिल्वर मेडल

अमनदीप

बीएससी एग्रीकल्चर में ब्रांज मेडल