ट्रेनिंग कैम्प में उमड़ रही बच्चों की भीड़
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LUCKNOW:
समर वेकेशन के साथ ही राजधानी में मार्शल आ‌र्ट्स की ट्रेनिंग देने वाले कैम्पों में खिलाडि़यों की भीड़ बढ़ गई है। जूडो से लेकर वोवीनाम के दांव पेंच सीखने में बच्चे पीछे नहीं है। इन खेलों में रोमांच है तो खतरे भी कम नहीं है। ऐसे में बिना प्रशिक्षक के इन खेलों की ट्रेनिंग करना सही नहीं है।

विभिन्न इलाकों में शुरू हो गए कैंप
राजधानी के विभिन्न इलाके में इन दिनों मार्शल आ‌र्ट्स की ट्रेनिंग देने वाले समर कैम्प शुरू हो गए हैं। इन कैम्पों में प्रैक्टिस करने वाले खिलाडि़यों को सिर्फ स्पो‌र्ट्स शूज और संबंधित खेल की ड्रेस की ही जरूरत होती है। ट्रेनिंग कैम्पों में इसकी ट्रेनिंग के लिए ली जाने वाली फीस भी अधिक नहीं है। खेल विभाग भी कई खेलों की ट्रेनिंग की सुविधा दे रहा है। इनमें जूडो, वुशू और ताइक्वांडो शामिल हैं। कराटे और वोवीनाम के कैम्प अभी सरकारी लेवल पर संचालित नहीं हो रहे हैं। ऐसे में इन संघों के पदाधिकारी प्रशिक्षक रख कर इन खेलों की प्रैक्टिस करवा रहे हैं।

सिर्फ 135 रुपये सालाना फीस
जूडो और ताइक्वांडो की प्रैक्टिस के लिए केडी सिंह बाबू स्टेडियम पर कोच तैनात किया गया है। इन खेलों की ट्रेनिंग के लिए खिलाड़ी को मात्र 135 रुपये सालाना जमा करने होते हैं। इसके अलावा वुशू, वोवीनाम कराटे के कैम्प भी विभिन्न स्टेडियमों में संचालित किए जा रहे हैं।

लगातार बढ़ रहा रुझान
कराटे के सचिव जसपाल सिंह ने बताया कि टोक्यो ओलम्पिक में इस खेल के शामिल होने से खिलाडि़यों का झुकाव इस ओर बढ़ा है। राजधानी में इस समय कराटे के 50 से अधिक कैम्प चल रहे हैं। वोवीनाम के प्रवीण गर्ग ने बताया कि हमारे खिलाड़ी लगातार इंटरनेशनल लेवल पर मेडल ला रहे हैं। राजधानी में इन खेलों के एक दर्जन कैम्प चलाए जा रहे हैं। यूपी वुशू महासंघ से जुडे मनीष कक्कड़ ने बताया कि वुशू के कैम्प सरकार ने पिछले साल की तुलना में बढ़ा दिए हैं।

इस खेल में आसानी से शामिल हो सकते
ग‌र्ल्स सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग के लिए इन खेलों से जुड़ रही हैं। उनके पैरेंट्स ही उन्हें समर कैम्प भेज रहे हैं। वही मार्शल आ‌र्ट्स का क्रेज यंगस्टर्स में हमेशा से रहा है। इसमें इक्यूपमेंट से अधिक फिलिकल वर्क आउट है। ऐसे में सभी वर्गो के खिलाड़ी इस खेल में आसानी से शामिल हो सकते हैं।

रिजवान
कोच, केडी सिंह बाबू स्टेडियम

बरतें सावधानी

- कोच के दिशा निर्देशन में ही प्रैक्टिस करें।

- प्रैक्टिस के समय एग्रेसिव होने की जरूरत नहीं

- चोट लगे तो तुरंत प्रैक्टिस बंद कर दें

- सुरक्षा के लिए बने नियमों का पालन करें