RANCHI: मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय जैसे शेल्टर होम में लड़कियों के नाम भी बदल दिए जाते थे। मुन्नी को मरियम तो अनिता को अंथोनी कहकर पुकारा जाता है। ओरमांझी मिशन में भी मुन्नी को रोजी बना दिया। यह खुलासा राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा कल्याणी शरण ने किया है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान निर्मल हृदय से जब्त रजिस्टर से यह बात सामने आई है। निर्मल हृदय में जो भी कुंवारी गर्भवती आईं, यहां एडमिशन के बाद उनका नाम ही बदल गया।

टाटा की बच्ची का बदला नाम

कल्याणी शरण ने कहा है कि कई बार उन्होंने भी शेल्टर होम की जांच की। ऐसे में जब वो मिशनरीज के एक शेल्टर होम में गई और एक बच्ची से मिली तो उसका नाम सुनकर चौंक गई। पूछताछ में पता चला कि उसका नाम बदलकर अंथोनी रख दिया गया है। वह जमशेदपुर की रहनेवाली है।

मुन्नी का भी बदल दिया नाम

दूसरी घटना मुन्नी के साथ घटी। मुन्नी मानसिक रोग से ग्रसित थी। ऐसे में मुन्नी को उसके एक तथाकथित भाई ने मिशनरीज चैरिटी ऑफ निर्मल हृदय की एक संस्था में डाल दिया। जब सीडब्ल्यूसी की मेंबर वहां पहुंची तो पाया कि मुन्नी का नाम बदल दिया गया है। जब सीडब्ल्यूसी मेंबर ने पूछा कि तुम हिंदू हो और जय यीशु बोल रही हो। तब उसने पूरी बात बताई। तब, समझ में आया कि कैसे लड़कियों के नाम बदल दिए जाते हैं।

रजिस्टर में अंकल, आंटी, भाई का नाम नहीं

जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि निर्मल हृदय संस्था से जब्त रजिस्टर में अंकल, आंटी, भाई का नाम ही नहीं है। वहीं, उस मां का भी नाम नहीं है, जिसके बच्चे को एडॉप्ट किया गया है। उसके नाम पर अंकल, आंटी और भाई लिखा हुआ है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे में तो जब बच्चा बड़ा हो जाएगा तो उसे कैसे पता चलेगा कि उसका मां-बाप कौन है?

वर्जन

इस मामले की जांच होगी। इसके लिए सरकार को भी अवगत कराया जाएगा, ताकि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय पर कार्रवाई की जा सके।

कल्याणी शरण, अध्यक्षा, राज्य महिला आयोग, झारखंड