वैदिक मंत्रोच्चार के संग धूमधाम से मनाई गई गीता जयंती

शंकराचार्य आश्रम में शंखनाद से हुआ श्रीमद्भगवतगीता का पूजन-अर्चन

ALLAHABAD: भारतीय संस्कृति का आधार ग्रंथ गीता है। इसके पाठ मात्र से मानव जाति का कल्याण निश्चित है। हम सभी को गीता के ज्ञान और उपदेशों को आत्मसात कर जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए। यह बातें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पं। केशरीनाथ त्रिपाठी ने शनिवार को गीता जयंती के अवसर पर श्री गीता मिशन फॉर कास्मिक वेल बीइंग की ओर से प्रयाग संगीत समिति में आयोजित समारोह में कही।

आज भी प्रासंगिक गीता

उन्होंने कहा कि आज के दौर में भी गीता की प्रासंगिकता बनी हुई है। जरुरत इस बात की है कि समाज उसे किस रुप में अपनाता है। मुख्य वक्ता डॉ। चंद्रभूषण पांडेय ने कहा कि गीता हमारे जीवन का आदर्श एवं समस्त समस्याओं का समाधान है। इसके बिना जीवन की मझधार पार नहीं लग सकती है। जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सकाम कर्म भी उचित होता है। यदि वह कर्म ईश्वर प्राप्ति के लिए किया जाए।

पाठ से ईश्वर की प्राप्ति

गीता मिशन के संस्थापक अध्यक्ष सतीश चंद्र उपाध्याय ने कहा कि गीता के द्वादश अध्याय का पाठ करने से ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। अच्युत पांडेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वस्तिवाचन व श्रीमद्भगवतगीता के द्वादश अध्याय का संगीतमय पाठ किया। संचालन संजय मिश्र ने किया। इस मौके पर राकेश कुमार दुबे, राजेश पांडेय, मनोज कुमार द्विवेदी, आशीष कुमार मिश्र आदि मौजूद रहे।

सामुहिक गीता पाठ

अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम में चल रहे आराधना महोत्सव के अन्तर्गत गीता जयंती श्रद्धा भाव के साथ मनाई गई। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की अगुवाई में बटुकों ने शंखनाद कर पूजन-अर्चन किया। साथ ही सामूहिक गीता पाठ भी किया गया। स्वामी विनोदानंद, हरिशंकर त्रिपाठी, आचार्य संतोष शुक्ल आदि मौजूद रहे। संगम सेवा समिति की ओर से जार्जटाउन स्थित मंदिर में गीता जयंती धूमधाम से मनाई गई। पवन जैन की अगुवाई में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की गई। लोगों को पुस्तक भेंट की गई। प्रमिला भार्गव, सुधीर जैन, शिवानी जैन, विजय अग्रवाल आदि मौजूद रहे।