शहर में बिना अनुमति पेड़ों पर लग रहे विज्ञापन

5 हजार रुपये का जुर्माना वसूलेगा नगर निगम

10-12 सालों में मुफ्त के विज्ञापन का बढ़ चुका है कारोबार

लोहे की कीलें बिगाड़ रहीं पेड़ों का स्वरूप

Meerut। नगर निगम की लापरवाही ना सिर्फ खुद निगम की राजस्व को नुकसान पहुंचा रही बल्कि शहर की आबोहवा के लिए भी नुकसानदायक साबित हो रही है। निगम ने अपनी आंखे मूंद कर शहर में अवैध होर्डिग्स माफिया को बढ़ावा दे दिया जिससे शहर में जगह-जगह अवैध यूनीपोल लगने शुरु हो गए। ये यूनीपोल शहर की सड़कों पर दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं वहीं निगम अब निगम की लापरवाही के चलते शहर में हरे भरे पेड़ भी अब विज्ञापन की चपेट में आकर दम तोड़ने लगे हैं।

बिगड़ रहा पेड़ों का स्वरूप

शहर से लेकर देहात क्षेत्रों तक अपने कारोबार के प्रचार के लिए पेड़ सबसे सस्ता और आसान प्रचार का माध्यम बन चुके हैं। हालत यह है कि शहर मुख्य सड़कों चौराहो, भवनों और रिहायशी इलाकों में लगे पेड़ों को विज्ञापन से पाट दिया है। हालत यह है कि पेड़ों पर विज्ञापन लगाने के लिए लोहे की कीलों को पेड़ों में ठोंका जाता है जिससे ना सिर्फ पेड़ों का स्वरूप बदल रहा बल्कि पेड़ों की आयु भी कम हो रही है। कीलों के कारण पेड़ों में फंगस तक पड़ने लगती है जिससे उनकी भोजन बनाने की प्रक्रिया स्लो हो जाती और पेड़ सूखने लगता है।

दो विभागों की अनदेखी

दरअसल, नगर सीमा में विज्ञापन की अनुमति निगम की ओर से दी जाती है और पेड़-पौधों की हरियाली की देख रेख का जिम्मा वन विभाग का है। ऐसे में वन विभाग और नगर निगम की अनदेखी के चलते पिछले 10-12 सालों में मुफ्त के विज्ञापन का कारोबार इस कदर बढ़ चुका है कि आज शहर में लगे पेड़ पूरी तरह से विज्ञापन से लदे दिखते हैं।

5 हजार का जुर्माना

मामला संज्ञान में आने पर अब नगर निगम शहर के पर्यावरण को सुधारने के लिए पेड़ों पर विज्ञापन लगाकर प्रचार करने वालों के खिलाफ अभियान चलाने जा रहा है। निगम ने बकायदा विज्ञापन के इस अवैध कारोबार के सर्वे के लिए टीम गठित कर 5 हजार रुपए प्रति दिन जुर्माना तय कर दिया है। इन विज्ञापनों के फोटो कराकर जुर्माना वसूला जाएगा।

कल से ऐसे विज्ञापनों का सर्वे कराया जाएगा। यह सब बिना अनुमति के अवैध रुप से प्रचार कर रहे हैं। 5 हजार रुपए जुर्माना राशि तय की गई है। जल्द से जल्द शहर में पेड़ों से विज्ञापन को हटाया जाएगा।

राजेश कुमार, कर निर्धारण अधिकारी

पेड़-पौधों में भी जीवन होता है.कील या तार बांधने से उनको नुकसान होता है। इसलिए वन विभाग यह आग्रह करता है कि पेड़ों पर विज्ञापन ना लगाएं। इससे पेड़ में गांठें बन जाती हैं और पेड़ का स्वरुप बिगड़ जाता है।

अदिति शर्मा, डीएफओ