हॉस्टल में खोल दिए डिपार्टमेंट

सेट जोंस कॉलेज में छह साल पहले तक तीन हॉस्टल्स थे लॉयर्ड, हैलीवरी और बिशप फ्रेंच। अब यह तीनों ही बंद हो चुके हैं। लॉयर्ड और हैलीवरी में तो यूनिवर्सिटी को बिना बताए कॉलेज ने मैथ्स और बीएड डिपार्टमेंट खोल लिए हैं। कुछ ऐसा ही हाल आगरा कॉलेज का है। यहां सेंट जोंस से कई ज्यादा सात हॉस्टल्स थे, जिसमें से अब चार हॉस्टल्स बंद हो चुके हैं। ये ही हाल आरबीएस कॉलेज और आरबीएस बिचपुरी कैंपस का है। यहां के फेमस पीजी हॉस्टल में अधिकांश रूम खत्म कर दिए गए हैं। उनकी जगह पर कॉलेज के डिपार्टमेंट खोल दिए हैं।

प्राइवेट कॉलेजेज में नहीं हॉस्टल

यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 450 से अधिक प्राइवेट कॉलेजेज हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश ने अपने हॉस्टल बनाए ही नहीं हैं। वहीं, बहुत से कॉलेजेज ने बने हुए को बंद कर दिया। इसमें सबसे ज्यादा संख्या ब्वॉयज हॉस्टल है। वहीं सेंट जोंस और आरबीएस में गल्र्स हॉस्टल चल रहे हैं।

यूनिवर्सिटी हॉस्टल है सालों से बंद

जहां तक यूनिवर्सिटी के ब्वॉयज हॉस्टल का सवाल है वह ईयर 2007 में बंद हो चुका है। जबकि गल्र्स हॉस्टल तो चल रहा है लेकिन कुछ ही सुविधाओंं के बीच। ब्वॉयज हॉस्टल बंद करे हुए छह साल से अधिक हो चुका है। अब ये हॉस्टल जर्जर हालत में है। अब यूनिवर्सिटी हॉस्टल को ठीक तरीके से बनाने जा रही है। इसका प्रस्ताव पूर्व वीसी प्रो। डीएन जौहर के सामने पास भी हो चुका था, लेकिन अभी इस पर एक्शन होना बाकी है।

डॉ। लाल, प्रिंसिपल सेंट जोंस कॉलेज  

हॉस्टल में स्टूडेंट्स की संख्या कम हो रही थी। अक्सर विवादों के कारण भी हॉस्टल में काफी परेशानी होती थी। इसलिए हॉस्टल हटा दिए गए।

बीके पांडे , रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी

कॉलेजेज में हॉस्टल होना चाहिए। हॉस्टल होने से स्टूडेंट्स का काफी खर्चा कम हो जाता है। इसलिए हॉस्टल्स को जर्जर हालत को सुधारने के आदेश दिए गए हैं.