दरअसल उस पर आरोप है कि उसके सर्च इंजन की मदद से अमरीकी उपभोक्ताओं को अवैध तरीक़े से कनाडा की दवा कंपनियों से दवा ख़रीदने में मदद मिली। अमरीकी न्याय विभाग का कहना है कि ये अमरीका में हुए सबसे बड़े जुर्मानों में से एक है। इस तरह की सज़ा से इंटरनेट के ज़रिए व्यापार के सीमाविहीन होने के सिद्धांत पर सवाल उठा है।

अगर कोई उपभोक्ता किसी वेबसाइट के ज़रिए कोई सामान ख़रीदता है तो उसे दूसरे देश से ऐसा सामान ख़रीदने की इजाज़त मिल जाती है जो ख़ुद उसके देश में ख़रीदने की अनुमति नहीं है.  गूगल के सामने ये जुर्माना भरने की नौबत इसलिए आई क्योंकि उसने कनाडा में दवा बेचने वाली कंपनियों के विज्ञापन स्वीकार कर लिए।

उन विज्ञापनों के आधार पर अमरीकियों ने वो दवाएँ आसानी से वेबसाइट के ज़रिए ख़रीद लीं जिन्हें अमरीका में बिना डॉक्टर की लिखी पर्ची के नहीं ख़रीदा जा सकता। ऐसा करना अमरीका में ग़ैर-क़ानूनी है।

गूगल ने अब 50 करोड़ डॉलर का जुर्माना भरना स्वीकार कर लिया है। गूगल ने ऐसे विज्ञापन लगाकर जितना धन कमाया होगा-उससे और कनाडा की कंपनियों ने दवा बेचकर जितना धन कमाया होगा उससे भी इस जुर्माने की राशि कहीं ज़्यादा है।

गूगल जैसी बड़ी कंपनी के लिए भी ये राशि कोई बहुत छोटी नहीं है जिसकी कुल आय पिछले साल 29 अरब डॉलर थी। गूगल ने एक बयान जारी करके कहा है, "हमने वे विवादास्पद विज्ञापन कुछ समय पहले ही अपनी वेबसाइट से हटा लिए थे." "पर अगर हम पलटकर देखें तो निश्चित तौर पर हमें वे विवादास्पद विज्ञापन गूगल पर आने ही नहीं देने चाहिए थे."

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