- लखनऊ में हुए टॉपर्स सम्मान समारोह में इनवाइट ही नहीं किए गए गोरखपुर के सीबीएसई व सीआईएससीई टॉपर्स

- जबकि यूपी बोर्ड के गोरखपुर टापर्स समेत 20 होनहारों को किया गया सम्मानित

GORAKHPUR: सीएम सर, हमने भी जिला टॉप किया है। हम भी आपके मेधावी हैं तो फिर हमें क्यों टॉपर्स सम्मान समारोह से दूर रखा गया। ये सवाल हैं गोरखपुर के सीबीएसई व सीआईएससीई टॉपर्स के जो वे शासन व प्रशासन से पूछ रहे हैं। हो भी क्यों न, लखनऊ में हुए टॉपर्स सम्मान समारोह में उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज जो कर दिया गया है। इस प्रोग्राम में शासन द्वारा सभी बो‌र्ड्स के टॉपर्स का सम्मान किया जाना था। लेकिन गोरखपुर से महज यूपी बोर्ड टॉप 20 छात्रों को ही इस कार्यक्रम में बुलाया गया। जबकि सीबीएसई व सीआईएससीई टॉपर्स को किसी सरकारी जिम्मेदार ने पूछा तक नहीं।

सीएम सिटी के ही टॉपर्स की वैल्यू नहीं

लखनऊ के लोहिया विधि विश्वविद्यालय के डॉ। अंबेडकर सभागार में बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले 1708 मेधावियों को सम्मानित किया गया। इसमें सभी बो‌र्ड्स के जिले से देश स्तर पर पहले दस स्थान में शुमार टॉपर्स को शामिल होना था। लेकिन प्रोग्राम में गोरखपुर से सिर्फ यूपी बोर्ड के ही 20 टॉपर्स को बुलाया गया। जबकि इस मौके पर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। जिले के सीबीएसई 12वीं व सीआईएससीई टॉपर्स ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि इस प्रोग्राम में उन्हें न बुलाए जाने से वे बहुत दुखी हैं। सीआईएससीई बोर्ड की जिला टॉपर कार्मल स्कूल की तान्या टेकड़ीवाल व धर्मपुर स्थित लिटिल फ्लावर स्कूल के क्षितिज कमल व 10वीं टॉपर रहे एलएफएस धर्मपुर के विख्यात चंद्रा को जिला टॉप करने के बाद भी सम्मान समारोह में नहीं बुलाया गया। सीबीएसई बोर्ड 12वीं टॉपर जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल के अमन पांडेय को भी इस सम्मान समारोह से वंचित रखा गया। इन सभी के पैरेंट्स सरकारी जिम्मेदारों से एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि क्या हमारे बच्चे सम्मान के काबिल नहीं हैं। जिन्हें शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने गोरखपुर से लखनऊ के लिए भेजना उचित नहीं समझा। अब आगे इन मेधावियों को सम्मानित किया भी जाएगा या नहीं, इसको लेकर भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है।

सिर्फ यूपी बोर्ड पर बरसे ईनाम

लखनऊ में हुए टॉपर्स सम्मान समारोह में कुल 1708 टॉपर्स को सम्मानित किया गया। जिसमें 48 राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर टॉप 10 में शुमार सेंट्रल बोर्ड के मेधावियों को शामिल कराया गया। इसके अलावा 97 ऐसे मेधावी थे, जो यूपी बोर्ड में प्रदेश में पहले 10 पायदान पर हैं। वहीं, कुल 1563 ऐसे मेधावी थे जो यूपी बोर्ड में जिलों में टॉप 10 में जगह बनाने वाले थे। सीएम ने इस दौरान ऐलान किया कि एक लाख रुपए स्टेट टॉपर्स और 21 हजार रुपए जिले में टॉप 10 में शुमार होने वाले मेधावियों को मिलेंगे।

जिम्मेदारों का क्या है कहना

बोर्ड परीक्षा प्रभारी अभिषेक यादव ने बताया कि उनके पास प्रदेश के सभी जिले की सूची लखनऊ से आई थी। उन सूची में केवल यूपी बोर्ड के 20 मेधावियों के नाम व उनके रोल नंबर दर्ज थे। सीआईएससीई व सीबीएसई बोर्ड के टॉपर्स को लखनऊ भेजे जाने को लेकर हमें कोई गाइडलाइंस नहीं दिए गए थे। वहीं प्रभारी रेमी यादव ने बताया कि उनके पास जो सूची आई थी। उसमें सीआईएससीई व सीबीएसई बोर्ड के मेधावियों के नाम नहीं थे।

वर्जन

जो 20 मेधावी लखनऊ भेजे गए थे। सभी यूपी बोर्ड के थे। उच्च अधिकारियों ने मेधावियों की जो सूची दी थी। उन्हीं छात्रों को लखनऊ सम्मान समारोह में भेजा गया था।

- ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस