- नगर निगम के इंतजाम नहीं कर पाए बारिश का सामना

- सिटी में दर्जनों एरियाज में खड़ी हो गई जलभराव की समस्या

GORAKHPUR: किसी भी हाल में इस बार शहर को जलजमाव से बचाने का नगर निगम का दावा पूरी तरह फेल हो गया। कहने को तो छह माह से शहर के नालों की तल्लीझाड़ सफाई हो रही है। इसमें करीब चार करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन मानसून की पहली बारिश में ही सारी कवायदों की हवा निकल गई। मंगलवार देर रात से हुई बारिश में नगर निगम के सारे इंतजाम बह निकले। रात एक बजे से सुबह आठ बजे तक हुई तेज बारिश ने शहर में जलभराव की विकट समस्या खड़ी कर दी। अव्यवस्था का आलम यह रहा कि नगर निगम प्रशासन पानी से न तो अपने कार्यालय को बचा सका और न ही अन्य प्रशासनिक भवन। गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य रास्तों की नारकीय स्थिति का तो कहना ही क्या। कई जगहों पर तो कमर भर पानी लगा रहा।

और डूब गईं सड़कें

शहर में मंगलवार रात हुई तेज बारिश से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। गंदगी से चोक नालियों के चलते मुख्य मार्गो से लेकर सरकारी दफ्तरों और गली-मोहल्लों में जलभराव का संकट इस कदर था कि लोगों के घरों तक में पानी घुस गया। जलभराव का सबसे बुरा हाल तो शहर के पुराने इलाकों में रहा। इन इलाकों में सड़कों पर दो से तीन फीट पानी लगा रहा।

निगम के दावों की खुली पोल

नगर निगम पिछले छह माह से शहर के नालों की सफाई करा रहा है। इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए लेकिन आठ घंटे की बारिश ने ही नगर निगम की व्यवस्था की पोल खोल दी। निगम के जिम्मेदारों ने नालों की सफाई के अलावा वाटर लॉगिंग प्रभावित क्षेत्रों से पानी की निकासी के पुख्ता इंतजाम करने का दवा किया था। लेकिन बारिश ने निगम के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी। शहर में कुड़े और सिल्ट से पटे पड़े नाले उफना गए हैं।

यहां वॉटर लॉगिंग ने खड़ी की परेशानी

मूसलाधार बारिश के चलते शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। इनमें बेतियाहाता, खूनीपुर, साहबगंज रोड, इलाहीबाग, मुंशी प्रेमचंद पार्क, पैडलेगंज, शास्त्रीचौक, गोलघर, इस्माइलपुर, नार्मल, विजय चौराहा, अग्रसेन चौक, बक्शीपुर, घोष कंपनी, जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, कलेक्ट्रेट कचहरी, दीवानी कचहरी, पुलिस लाइंस, धर्मशाला, असुरन चौक, बशारतपुर, गांधी चौक, इंदिरा बाल विहार, टीपी नगर, महेवा मंडी, आजाद नगर, रुस्तमपुर ढाला, बिछिया, शाहपुर आदि इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित रहे।

कोट्स

मुंशी प्रेमचंद पार्क के आसपास जल जमाव की विकट स्थिति हो गई है। अधिकांश घरों में पानी घुस गया है जिसकी वजह से लोगों को काफी नुकसान हुआ है। नगर निगम की ओर से वॉटर लॉगिंग से निजात की बात की गई थी लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं है। इस बारिश ने नगर निगम व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।

- नीलम साहनी, स्टूडेंट

आठ घंटे की बारिश ने शहर के कई इलाकों काो जलमग्न कर दिया है। वहीं जिम्मेदार अफसरों की व्यवस्था की भी पोल खोल कर रख दी है। महेवा मंडी में भी जलभराव की स्थिति हो गई है। इससे कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है।

- अवध गुप्ता, व्यापारी

बारिश के चलते महेवा मंडी से लेकर शहर के मुख्य इलाकों में तीन फीट पानी लग गया। इसकी वजह से आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकारी दफ्तरों के कैंपस में भी जलजमाव की स्थिति बनी रही।

- अविनाश कुमार गुप्ता, व्यापारी

बारिश से पहले नालों की सफाई कराने का दावा करने वाले नगर निगम की सफाई व्यवस्था को पोल बारिश ने खोल कर रख दी है। नालों में जमे सिल्ट व गंदगी के चलते जलजमाव की स्थिति बनी रही। जल निकासी के प्रबंध न होने से कई घरों में पानी घुस गया जिससे काफी नुकसान हुआ है।

संजय शुक्ला, व्यापारी

आठ घंटे लगातार हुई बारिश ने महानगर में जलजमाव की स्थिति पैदा कर दी। इसके चलते मोहल्लों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कत हुई। साथ ही आवागमन भी बाधित रहा। नगर निगम की ओर से करोड़ों रुपये सफाई पर खर्च करने के बाद भी स्थितियां नहीं सुधरी हैं।

राजेश नेभानी, प्रोफेशनल

वर्जन

बरसात से पूर्व ही नालों की सफाई करा ली गई थी। शेष बचे कुछ छोटे नालों की सफाई का कार्य जारी है। पानी की निकासी के लिए सर्वे कराया जाएगा। जहां ज्यादा जलभराव की समस्या है वहां पर जल निकासी का प्रबंध किया गया है।

- प्रेम प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त