ऐसे करते थे माल पर हाथ साफ

पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह लेट नाइट की ट्रेनों को अपना निशाना बनाते थे। राप्तीसागर एक्सप्रेस और अवध असम एक्सप्रेस इनकी हिटलिस्ट में सबसे ऊपर होती थी। आरोपियों के मुताबिक वे एसएलआर बोगी से लगे जनरल डिब्बे में बैठ जाते थे। जब ट्रेन किसी सुनसान एरिया से होकर गुजरती थी तो वे जान जोखिम में डालकर चलती ट्रेन में ही जनरल बोगी से एसएलआर में लटक जाते थे और उसके दरवाजे खोल अंदर घुस जाते थे। धीरे-धीरे माल को बाहर फेंक देते?थे, जहां पहले से ही उनके साथी तैयार बैठे होते थे। वो माल को तुरंत ठिकाने लगा देते थे। उसके बाद अगले स्टेशन पर आरोपी उतर जाते थे और बेफिक्र होकर वापस लौट आते थे। इस गैंग का नेटवर्क लखनऊ, कानपुर, फैजाबाद और बिहार तक फैला हुआ है। इस गैंग के मुखबिर लखनऊ से ही एक्टिव हो जाते थे और बीच रास्ते में अपने काम को अंजाम देते थे।

कॉल डिटेल्स से खुला पूरा मामला

आरपीएफ इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने बताया कि 13-14 फरवरी की रात राप्तीसागर एक्सप्रेस से  करीब 6 क्विंटल इलायची और जावित्री की चोरी हुई थी। इसके अलावा 19-20 दिसंबर 2013 की रात अवध आसाम एक्सप्रेस से महंगे जूते और गुटखा चोरी किया गया। इन सब चोरियों की पोल तब खुली जब इन आरोपियों के कॉल डिटेल्स निकलवाए गए। कॉल डिटेल्स में खुद को सपा का सेक्टर प्रभारी बताने वाला इरफान लगातार अपने साथियों से माल को लेकर बात करते पाया गया। उन्होंने बताया कि पकड़े गए इरफान और सुरेश गुप्ता से लगातार पूछताछ जारी है। उनके मुताबिक इन दोनों के जरिए गैंग के और सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। इस केस में एक पॉलिटिकल पार्टी के कई बड़े लीडर्स के नाम सामने आने की आशंका भी जताई जा रही है।

6 सालों से थी आरपीएफ को तलाश

आरपीएफ असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर अनिरुद्ध चौधरी ने बताया कि आरपीएफ को इस गैंग की 2007 से ही तलाश थी। 2007 से ये गैंग कई ट्रेंस से बुक्ड माल चुराता रहा है। आरपीएफ के आईजी आरके शर्मा के निर्देशन में असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर अनिरुद्ध चौधरी, आरपीएफ प्रभारी राजेश कुमार, सीआईबी इंस्पेक्टर अमरनाथ, बस्ती आरपीएफ प्रभारी डीके राय समेत आरपीएफ टीम ने थर्सडे को सिटी में दो अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। सिटी के मियां बाजार एरिया में छापेमारी के दौरान आरपीएफ और सीआईबी टीम ने सुरेश गुप्ता को दबोचा। वहीं तिवारीपुर थाना अंतर्गत निजामपुर कच्चीबाग से इरफान को पकड़ा गया। इन दोनों आरोपियों के पास से 25 किलो इलायची, 32 किलो जावित्री, 125 पैकेट दबंग गुटखा, चार जोड़ी नये जूते, सिरिंज के 710 पैकेट और 50 किलो प्लास्टिक ड्रिप बरामद किया गया है। बरामद किए गए माल की कीमत लाखों में बताई जा रही है।

सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हैं तार

आरपीएफ के मुताबिक, पकड़ा गया आरोपी इरफान और उसका भाई रूआब खान तिवारीपुर थाने में नामजद अपराधी हंै। आरपीएफ इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि भाई रूआब खान के उपर धारा 307 के दो मुकदमे दर्ज हैं, हालांकि रूआब फरार चल रहा है। वहीं पकड़ा गया इरफान खुद को समाजवादी पार्टी का सेक्टर प्रभारी बता रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी के नाम पर इरफान और उसका भाई  अपने गैंग के साथ मिलकर ट्रेंस में बुक्ड माल की चोरी कर उसे बेचने का काम करते थे। दूसरे आरोपी सुरेश गुप्ता की घोष कंपनी के आसपास दुकान है, जहां से वह चुराया गया माल बेचता था।

करोडों के माल पर किया हाथ साफ

आरपीएफ इंस्पेक्टर राजेश कुमार के मुताबिक 2007 से लेकर अब तक ये गैंग करोड़ों का माल चलती ट्रेन से उड़ा चुका है जिसका हर्जाना रेलवे को भरना पड़ा। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया इरफान इससे पहले भी रेलवे एक्ट के तहत अरेस्ट?हो चुका है।

इन सामानों पर रहती थी नजर

इलायची

जावित्री

महंगे जूते

महंगे कपड़े

गुटखा

मेवा

चायनीज कपड़े

इलेक्ट्रानिक आइटम

सुपारी

वूलन क्लोथ्स

ट्रेंस के एसएलआर में बुक्ड माल को चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करने के लिए टीम बधाई की पात्र है। इस गैंग में जो भी शामिल हैं, उनके खिलाफ आरपीयूपी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। गैंग के बाकी मेंबर्स की तलाश की जा रही है।

सारिका मोहन, सीनियर कमांडेंट, लखनऊ डिवीजन

पकड़े गए इरफान और सुरेश मेन आरोपी हैं। इसमें इरफान अपने को सपा का सेक्टर प्रभारी बता रहा है जो पहले भी रेलवे एक्ट के तहत अरेस्ट हो चुका है। इरफान इनवेस्गिेटिंग टीम पर अपनी पहुंच का हवाला देकर दबाव डाल रहा है।

अनिरुद्घ चौधरी, असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर, आरपीएफ

इस मामले में इरफान खान का कोई लेना-देना नहीं है। उसके रिश्तेदारों ने ये चोरियां की हैं। आरपीएफ ने सिर्फ पूछताछ के लिए उसे बुलाया है।

शहाब अंसारी, महानगर अध्यक्ष, सपा