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GORAKHPUR : बाजार में सब्जी खरीदने गए लोगों की जेब से मोबाइल उड़ाने वाले गैंग के बच्चों को बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती है। झारखंड के साहबगंज, तेलझाड़ी, महराजपुर में मोबाइल चोरी करने की ट्रेनिंग दी जाती है। गांव में चोरी का ट्रेनिंग कैंप चलाने वाली मौसी बच्चों को पढ़ा-लिखाकर चोरी के लिए तैयार करती है। ट्रेनिंग के दौरान यदि कोई बच्चा फेल हुआ तो बेतों से उसकी पिटाई करके पारंगत बनाती है। चोरी की एबीसी पढऩे वाले बच्चों को उनके मां-बाप जुगाड़ लगाकर एडमिशन कराते हैं। बाजार में सब्जी खरीदने गए लोगों का मोबाइल फोन चुराने वाले गैंग के सात लोगों को अरेस्ट करके कैंट पुलिस ने यह पर्दाफाश किया। पुलिस कार्रवाई में 13 लाख रुपए के 85 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। पकड़े गए लोगों में चोरी करने वाले बच्चों के मां-बाप सरगना भी शामिल हैं। करीब पांच साल से शहर में बच्चों के जरिए मोबाइल चोरी करा रहे सरगना छोटू महतो को पहली बार पुलिस पकड़ सकी है। एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि गैंग से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में पुलिस टीम जुटी है।

फोन चुरा बड़ों को देते बच्चे

कैंट एरिया के सिघडिय़ां, कूड़ाघाट, मोहद्दीपुर सहित अन्य बाजारों में सब्जी खरीदने गए लोगों का मोबाइल फोन चोरी होने की शिकायत पुलिस को मिल रही थी। लोगों ने पुलिस को बताया था कि जब वह सब्जी खरीद रहे थे। तभी उनके बगल में खड़े बच्चे ने फोन चुरा लिया। लेकिन तलाशी लेने पर बच्चे के पास मोबाइल फोन नहीं मिला। पुलिस की जांच में सामने आया कि बच्चे मोबाइल चुराकर अपने पास खड़े किसी बड़े व्यक्ति को दे देते हैं। महंगा मोबाइल फोन लेकर वह व्यक्ति फरार हो जाता है। बच्चे वहीं पर बैठकर तमाशा देखते रहते हैं जिससे किसी को कोई शक न हो। कई बार लोग कन्फयूज हो जाते हैं कि शायद उनका फोन कहीं गिर गया होगा। शुक्रवार को इंस्पेक्टर रवि कुमार राय को मोबाइल चोरी गैंग के बारे में जानकारी मिली। मुखबिर ने बताया कि  चोरी के मोबाइल, बच्चों का गैंग लेकर सरगना बिहार जाने की तैयारी में है। इंस्पेक्टर कैंट ने चौकी प्रभारी जटेपुर विनोद सिंह, वरुण सांकृत सहित अन्य पुलिस कर्मचारियों की टीम गठित करके चेकिंग शुरू कर दी। रोडवेज तिराहा पर पुलिस ने एक संदिग्ध को पकड़कर कई मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस को देखकर भागने की कोशिश में लगी एक महिला, दो पुरुषों और चार बच्चों को पकड़ लिया।

थाने पर चस्पा हुई लिस्ट

बरामद मोबाइल की छानबीन में पुलिस जुटी है। चार मोबाइल फोन चोरी होने के संबंध में गोरखनाथ, कोतवाली और कैंट थानों में एफआईआर दर्ज है। 17 अन्य मोबाइल फोन की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। मोबाइल फोन के ईएमआई नंबर सहित पुलिस ने कैंट थाना पर सूची चस्पा कर दी है। इंस्पेक्टर रवि राय ने बताया कि संबंधित  दस्तावेज दिखाकर लोग मोबाइल पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिन लोगों का मोबाइल फोन बरामद हुआ है। उन सभी को कानूनी औपचारिकता पूरी करके मोबाइल लौटा दिया जाएगा।

दहाड़ी पर देते हैं मजदूरी

पूछताछ में पकड़े गए लोगों की पहचान झारखंड, साहबगंज जिले के तेलझाड़ी, नया महराजपुर निवासी छोटू महतो, सोनू कुमार और छोटू की पत्नी पार्वती के रूप में हुई। तीनों ने पुलिस को बताया कि वह लोग बच्चों की मदद से मोबाइल चोरी कराते हैं। महंगे एंड्रायड मोबाइल फोन की बिहार में अच्छी कीमत मिल जाती है। वहां हर सेट का दो से तीन हजार रुपया मिल जाता है। छानबीन में पता लगा कि गैंग के सदस्य शहर में घूम-घूमकर किराए पर कमरा लेकर वारदात करते हैं। बड़ी संख्या में मोबाइल कलेक्ट होने पर सरगना उनको बिहार और झारखंड में बेच आता है। बच्चों को दिहाड़ी के हिसाब से मजदूरी दी जाती है जिससे उनके परिजन भी चोरी के लिए सहमति दे देते हैं।

बच्चों की मदद से गैंग

सरगना मोबाइल चोरी कराता था। पुलिस टीम को 10 हजार रुपए का इनाम दिया गया है। बरामद फोन की कीमत करीब 10 लाख रुपए आंकी गई है।

डॉ. सुनील गुप्ता, एसएसपी

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