-जानलेवा हमले बने रहस्य, पकड़े नहीं गए हमलावर

-पीडि़त पर संदेह जताकर जांच पड़ताल करती पुलिस

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GORAKHPUR: शहर में राह चलते होने वाले जानलेवा हमलों में शामिल अभियुक्तों का सुराग लगा पाने में पुलिस नाकाम रही है। डॉक्टर कफील के छोटे भाई पर हमले सहित कई घटनाओं में पुलिस गोली चलाने वालों का सुराग नहीं लगा सकी है। शिकायत दर्ज कराने वालों पर ही साजिश की आशंका जता कर जांच को ठप कर दिया है। सवाल खड़ा होता है कि जब गोली चली है तो किसी ने तो जरूर दागी होगी। उसका पता क्यों नहीं चल पाया है.

हमलावरों का सुराग नहीं लगा पाए जिम्मेदार
शहर में फायरिंग की घटनाएं आम बात हैं। लेकिन जब किसी को टारगेट कर गोली मारी गई तो मामला गंभीर हो जाता है। गोली चलाने वालों तक पहुंचने में सीसीटीवी कैमरों की कोई मदद पुलिस को नहीं मिल पा रही है। मेडिकल कालेज ऑक्सीजन कांड से चर्चा में आए, दो बार जेल जा चुके डॉ। कफील के भाई पर हमले के पांच माह बीत गए। लेकिन हमलावरों का पता लगाने में पुलिस नाकाम है। थानों की पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच को भी कोई क्लू नहीं मिला है।

केस एक:

पेट्रोल पंप पर झगड़े के बाद दागी गोली
10 नवंबर 2018: बड़हलगंज के टाड़ा निवासी सतीश सिंह के बेटे अमन को बदमाशों ने गोली मार दी थी। वह रात में दोस्तों संग सब्जी मंडी के पास स्थित होटल पर भोजन करने गया था। तभी वहां तेल भराने को लेकर उसका विवाद हो गया। अमन का आरोप है कि वहां से लौटते हुए रुस्तमपुर स्थित अपने कमरे पर जा रहा था। देवरिया बाईपास मोड़ के पास उसकी कार का पहिया पंक्चर हो गया। वह पहिया बदलने में लगा था। तभी वहां पहुंचे स्कूटी सवार दो युवकों ने गोली दाग दी। अमन के दाहिने हाथ के पंजे में गोली लगी।

 

केस दो:

दावत से लौटते हुए मासूम पर हुआ था हमला
23 अक्टूबर 2018: नसीराबाद मोहल्ला निवासी मासूम रजा एक परिचित की दावत में शामिल होने गया था। वहां से अकेले मासूम घर जा रहा था। रात करीब साढ़े आठ बजे रास्ते में पीछे से आए बाइक सवार बदमाशों ने उस पर गोली दाग दी। हमले में मासूम सड़क पर गिरकर तड़पने लगा। किसी तरह से उसने अपने परिचितों को घटना की जानकारी दी। पुलिस उसके दोस्तों से पूछताछ में जुटी थी।

 

केस तीन:

डॉक्टर कफील के भाई को मारी थी गोली

10 जून 2018: रविवार रात गोरखनाथ एरिया से लौट रहे डॉक्टर कफिल के भाई जमील पर बदमाशों ने हमला किया था। तीन गोली मारकर बदमाश फरार हो गए। इस मामले में डॉक्टर कफिल ने रंजिश में कुछ लोगों पर गोली चलाने की सूचना दी। जांच के बाद पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुंच सकी। पांच माह बाद भी हमलावरों का कोई सुराग पुलिस नहीं लगा सकी। इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रकरण की जांच चल रही है।

 

 

 

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