- 2013-15 के बीच दो यूनिवर्सिटी से हासिल कर ली बीए की डिग्री

- यूनिवर्सिटी ने निरस्त की डिग्री, जबकि दूसरी यूनिवर्सिटी को भेजा डिग्री निरस्त करने के लिए लेटर

- प्रवेश समिति की मीटिंग में आगे की कार्रवाई पर होगा फैसला

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एक साल पहले लगाई अर्जी पर अब फैसला होगा। बुधवार को होने वाली प्रवेश समिति की मीटिंग में यह फैसला लिया जाएगा। सात अप्रैल 2017 को हुई मीटिंग में आए आदर्श सिंह और राधेश्याम सिंह के मामले में यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार आज फैसला सुनाएंगे। इसमें दोनों ही मामले में नियमों को ताख पर रखते हुए एक ही सेशन के दौरान दो-दो ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर ली गई है। इसमें दोनों ही कैंडिडेट्स ने एक ही सेशन में दो कॉलेज से डिग्री हासिल की और बाद में खुद ही अपनी डिग्री निरस्त करने के लिए अप्लीकेशन दिया था। इस मामले में यूनिवर्सिटी ने कमेटी फॉर्म कर साक्ष्यों की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।

2013 में लिया था एडमिशन

आदर्श सिंह की बात करें तो उन्होंने सेशन 2013 में बीए में एडमिशन ले लिया। मगर फ‌र्स्ट इयर के नंबर से संतुष्ट न होने की वजह से उन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से सेकेंड ईयर की पढ़ाई तो जारी रखी, लेकिन साथ ही उन्होंने फैजाबाद यूनिवर्सिटी से भी बीए करना शुरू कर दिया। सोर्सेज की मानें तो गोरखपुर यूनिवर्सिटी से 2015 में बीए कंप्लीट करने के बाद आदर्श ने 2016 में फैजाबाद यूनिवर्सिटी से भी बीए कंप्लीट कर लिया। वहां के मा‌र्क्स अच्छे होने की वजह से उन्होंने उसी मार्कशीट के आधार पर बीटीसी में एडमिशन ले लिया। वहां किसी ने दो-दो यूनिवर्सिटी की डिग्री होने की शिकायत कर दी, जिसकी वजह से आदर्श ने लास्ट इयर यूनिवर्सिटी में लेटर लिखकर डिग्री निरस्त करने की विनती की थी। मामले की 22 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान उन्होंने शपथ पत्र के साथ बीए 2013, 2014 और 2015 की ओरिजनल मार्कशीट भी निरस्त करने के लिए जमा कर दी थी।

2008 में हासिल की डबल डिग्री

वहीं राधेश्याम ने 2008 में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से शास्त्री की और गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड बाबा राघव दास पीजी कॉलेज देवरिया से 2008 में ही बीए की डिग्री भी हासिल कर ली। इसके बाद उन्होंने बीआरडीपीजी कॉलेज से मिली बीए की डिग्री को निरस्त करने के लिए यूनिवर्सिटी में आवेदन किया। इनकी सुनवाई भी 22 सितंबर 2017 को हुई, जिसमें इन्होंने 2006, 2007 और 2008 में हासिल की बीए की मार्कशीट को शपथ पत्र के साथ डिग्री निरस्त करने के लिए यूनिवर्सिटी को सौंप दिया। एक साथ दो डिग्री हासिल करने को गलत मानते हुए यूनिवर्सिटी की एडमिशन कमेटी ने तथ्यों की जांच के लिए एक कमेटी फॉर्म की, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद अब बुधवार को इस संबंध में फैसला लिया जाना है। सोर्सेज की मानें तो यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिग्री निरस्त करने के साथ ही दूसरी यूनिवर्सिटी को भी पत्र के माध्यम से इसकी सूचना देने की तैयारी में है, जिससे कि कोई दोबारा ऐसी गलती न करने पाए।

बॉक्स

कई और मामलों में होगी चर्चा

यूनिवर्सिटी की प्रवेश समिति में इन मामलों के अलावा बीएड एंट्रेंस के लिए तैयार प्रॉसपेक्टेस पर भी फाइनल मुहर लगेगी। वहीं स्टूडेंट्स के सामने पीजी एडमिशन को लेकर आ रही कई प्रॉब्लम्स पर भी इस मीटिंग में डिस्कशन किया जाएगा। इसमें जहां बीटेक के बाद कैंडिडेट्स एलएलबी के लिए फॉर्म न भर पाने की शिकायत का मामला है, वहीं बीए के बाद एलएलबी के लिए क्वालिफाइंग क्राइटेरिया में पेंच है। सभी मामलों को लेकर कमेटी मंथन करेगी।

वर्जन

दो-दो यूनिवर्सिटीज से डिग्री का मामला सामने आया था। कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। इसको प्रवेश समिति में रखा जाएगा। फिर कमेटी जैसा फैसला लेगी, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- शत्रोहन वैश्य, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू