-गोरखपुर के वार्डो से दूर होगी पानी की किल्लत

-गर्मी की तैयारियों में अभी से लगा जलकल

-इंजीनियरिंग कॉलेज, शिवपुर सहबाजगंज व मोहद्दीपुर में बिछेगा पाइप लाइन का जाल

GORAKHPUR: पानी की किल्लत से जूझ रहे 2 लाख लोगों की समस्या को दूर करने के लिए जल निगम पाइप लाइन का जाल बिछाएगा. टेंडर अलॉटमेंट की प्रक्रिया 20 फरवरी को ही पूरी कर ली गई है, हालांकि निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हो सका है. वहीं जिम्मेदारों का दावा है कि जल्द ही निर्माण की कार्रवाई शुरू करवा दी जाएगी. योजना के तहत चार वार्डो में 50 करोड़ रुपए की लागत से जल निगम 173 किमी पाइप लाइन बिछाने जा रहा है. इसके तहत 4 ओवरहेड टंकी, 11 ट्यूबवेल लगाए जाने हैं और 28,000 परिवारों को सप्लाई कनेक्शन दिया जाना है. पाइप लाइन को बिछाने में एक साल से अधिक समय लग जाएगा. इसलिए इस साल लोग इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे.

प्यास लगी तो कूआं खोदा

मार्च महीने में ही सूरज की तपिश तेज होने के कारण मौसम काफी गरम हो गया है. ऐसे में विभाग पेयजल की उपलब्ध को लेकर सक्रिय हुआ है. लेकिन जो निर्माण करवाए जा रहे हैं उन्हें पूरा होने में एक साल का समय लग जाना है. ऐसे में सवाल उठना स्वभाविक है कि गर्मी के मौसम में ही निर्माण कार्य क्यों शुरू करवाया जा रहा है. यदि पहले से निर्माण कार्य करवाते तो पब्लिक को सुविधा मिल जाती. बता दें, अभी भी शहर की एक बड़ी आबादी पेयजल की सुविधा से वंचित है. सड़कों के चौड़ीकरण के दौरान पाइप लाइन टूटने से नौसड़, मोहद्दीपुर व मेडिकल कॉलेज रोड पर हजारों लोग सप्लाई के पानी की सुविधा से वंचित हो चुके हैं.

यूआईडीएसएसएमटी के लिए मिले 17 करोड़

शहर में जल निगम की ओर से निर्माण करवाए जा रहे अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम फॉर स्मॉल एंड मीडियम टाउन 'यूआईडीएसएसएमटी' के तहत जल निगम को शासन से 17 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं. यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत जल निगम 51 करोड़ की लागत से 22 नलकूप, 22 पंप हाउस, 307 किमी पाइप लाइन, राइजिंग मेन 14.93 किमी, शिरोपरि जलाशय 8 नग, पंपिंग प्लांट 22 नग व 22 विद्युत संयोजन का निर्माण करवा रहा है. अभी तक निर्माण कार्य रूका हुआ था जिसमें बजट मिलते ही तेजी आ जाएगी.

वर्जन-

4 वार्डो में 173 किमी वाटर सप्लाई के लिए टेंडर की औपचारिक प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. जल्द ही निर्माण की कार्रवाई शुरू की जाएगी. योजना के तहत 28,000 परिवारों को कनेक्शन दिया जाना है.

प्रमोद गुप्ता, जीएम जलकल