-कम वोटिंग को लेकर शासन व प्रशासन सख्त

-चूक को लेकर होगा मंथन, अधिक कारगर साबित नहीं हुई स्वीप एक्टिविटी

ALLAHABAD: स्लोगन बनाए गए, बैलून लगा, स्कूलों में जागरुकता कार्यक्रम चलाए गए। लेकिन, नतीजा फिर भी सिफर रहा। लोकसभा उपचुनाव में एक बार फिर फूलपुर का वोटिंग परसेंटेज फर्श पर ही नजर आया। उसको अर्श पर ले जाने की शासन व प्रशासन की सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई। सूत्रों की मानें तो शासन-प्रशासन इस मामले को सख्त रुख अख्तियार करने के मूड में हैं। हो सकता है कि चूक की तलाश के लिए समीक्षा की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। हालांकि, अधिकारी इस कदम से इंकार कर रहे हैं।

निशाने पर होंगे लापरवाह

देखा जाए तो फूलपुर लोकसभा में चार विधानसभाओं का परफाूर्मेस ओवरआल रहा लेकिन शहर उत्तरी एक बार फिर पीछे रहा। इससे बचने के लिए खुद सीएम योगी ने अल्लापुर में जनसभा कर वोटर्स से बूथ तक आने की अपील की थी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी इस अपील के साथ जनता के सामने गए थे। प्रशासन ने भी तमाम स्वीप एक्टिविटी चलाकर वोटर्स को जागरुक करने की कोशिश की। लेकिन, इसका खास असर नही हुआ। अब इस खराब परफार्मेस में शासन की कार्रवाई से बचने के लिए प्रशासन खुद कोई कदम उठा सकता है। सूत्रों की माने तो एक टीम बनाकर कम वोटिंग की समीक्षा की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है। यह भी माना जा रहा है कि कम वोटिंग परसेंटेज से चुनाव परिणाम में भी भारी फेरबदल हो सकता है। कुल मिलाकर सभी की निगाहे अब 14 मार्च को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई हैं।

वर्जन

पहले भी शहरी विधानसभाओं को वोटिंग परसेंटेज अच्छा नहीं रहा था। हमने काफी कोशिश की। लोगों से अपील भी की थी। अगर शहर उत्तरी के लोग बूथ तक पहुंचते को हमारी औसत प्रतिशत चालीस फीसदी से अधिक होता।

-सुहास एलवाई, डीएम