जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में बनेगा हब

एनएचएम के तहत शासन की ओर से मरीजों को मिलेगा उपचार

Meerut। हेपेटाइटिस-सी के मरीजों का इलाज अब सरकार करवाएगी। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत एलएलआर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जाएगा। यही नहीं मेडिकल कॉलेज में इसकी जांच के लिए माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में लैब भी तैयार की जा रही है। जिसके बाद वेस्ट यूपी के मरीजों के सैंपलों की जांच यहां हो सकेगी। अभी तक सिर्फ जिला अस्पताल में इंटरनेशनल एनजीओ डॉक्टर्स विदआउट बार्डर की ओर से चल रहे हेपेटाइटिस-सी क्लीनिक में ही मरीजों की जांच की जाती है।

सरकार करेगी इलाज

वेस्ट यूपी में हेपेटाइटिस-सी के मरीजों के लिए सिर्फ जिला अस्पताल में ही क्लीनिक चलाया जा रहा है। जिसकी शुरुआत 2017 में हुई थी। यहां अभी तक करीब 2500 मरीजों का इलाज किया जा चुका है जबकि 20 हजार से अधिक मरीजों की जांच हो चुकी है। हालांकि अब एनएचएम के तहत सरकार ही ऐसे मरीजों का इलाज करेगी। जिला अस्पताल के क्लीनिक को भी एनएचएम की ओर से टेकओवर किया जाएगा। हालांकि जिन मरीजों का इलाज चल रहा है, उनका इलाज चालू रहेगा। इसकी शुरुआत 2019 में की जाएगी।

यह है हेपेटाइटिस-सी

हेपेटाइटिस-सी या काला पीलिया लीवर में सूजन को कहते हैं। जो हेपेटाइटिस-सी वायरस यानी एचसीवी की वजह से होता है। यह अक्यूट और क्रोनिक दो तरह का होता है। इसके लक्ष्ण पता लगने में औसतन 4-12 हफ्ते का समय लग जाता है। अक्यूट हेपेटाइटिस-सी का इंफेक्शन छह महीनों से कम समय तक रहता है। इसके अलग अगर क्रोनिक हेपेटाइटिस-सी का इंफेक्शन हो तो इलाज लंबा चलता है। इससे लीवर का कैंसर भी हो सकता है। यह संक्रमित खून से भी फैलता है।

इन्हें है ज्यादा खतरा

टैटू बनवाने पर

इंजेक्शन के जरिए ड्रग लेने पर

एक ही सूई से दोबारा इंजेक्शन लेने पर

डोनेट किए गए अनसेफ ब्लड से

डायलिसिस के मरीज को

लैब के लिए लखनऊ में एक ट्रेनिंग हो चुकी है और इलाज के लिए पूरा सेटअप भी तैयार है। प्रदेशभर में कुछ ही अस्पतालों में यह योजना शुरू की जा रही है।

डॉ। अमित गर्ग, हेड माइक्रोबॉयालोजी विभाग, एलएलआर मेडिकल कॉलेज