- चार महीने पहले जमीन के नीचे की हलचल जानने के लिए लगाई गई थी जीपीएस मशीन

- आईएसएम धनबाद से आए एक्सपर्ट ने लगाया और सेटेलाइट्स से किया था कनेक्ट

- लगातार भूकंप आने के बाद भी पटना मौसम विभाग को नहीं मिली जानकारी

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PATNA: चार महीने पहले एयरपोर्ट स्थित मौसम विभाग के दफ्तर में सेटेलाइट के थ्रू जमीन की हलचल रिकॉर्ड करने के लिए जीपीएस लगाया गया था. दावा किया गया था कि जमीन के नीचे होने वाली हलचल को फौरन रिकॉर्ड कर जानकारी दे दी जाएगी, खासकर भूकंप को लेकर. पर, अबतक पटनाइट्स को तीस से अधिक झटके लगने के बाद भी मशीन से डाटा को नहीं निकाला गया है, जिससे जमीन के अंदर चल रही हलचल के बारे में न तो मौसम विभाग के पास कोई जानकारी है और न ही वो आम पब्लिक और गवर्नमेंट को ही इसकी सूचना दे पाए हैं. मौसम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आरके गिरी ने बताया कि मशीन को लगाने का मकसद जमीन के नीचे चल रही गतिविधि की जानकारी लेना था, पर पटना मौसम विभाग ने किसी को इसकी कोई जानकारी नहीं दी है कि वो मीटर रीडिंग कर पाए. यही नहीं, मशीन लगाने वाले एक्सपर्ट के आईएसएम धनबाद स्थित ऑफिस में मेल किया गया है, तो वहां से भी कोई जवाब नहीं आया है. भूकंप के लगातार पड़ रहे झटके को लेकर इस सिस्टम से खास जानकारी मिल सकती थी, जो अब तक नहीं मिल पा रही है.

सेटेलाइट्स के थ्रू जोड़ा गया

आईएसएम धनबाद के ज्योलॉजिकल एक्सपर्ट की टीम ने जीपीएस सिस्टम को इंस्टॉल किया गया. जमीन के नीचे से लेकर सात फीट ऊपर तक यंत्र लगाया गया. मीटर रीडिंग के लिए मौसम विभाग की लाइब्रेरी में इसे फिट किया गया, पर उसमें ताला ही लगा रहता है. कोई मीटर रीडिंग समझ नहीं पाते हैं. इस मशीन के थ्रू जमीन के नीचे की हलचल से लेकर ह्यूमिडिटी और टेम्परेचर की जानकारी भी सही-सही मिलती है, पर अब तक जमीन के नीचे की हलचल का सही से कुछ पता नहीं चल पा रहा है.

आईएसएम धनबाद से नहीं हो रही बात

जानकारी हो कि आईएसएम धनबाद से भी मशीन कनेक्ट किया गया है. इसके बाद भी आईएसएम धनबाद से इसकी रीडिंग कर कुछ नहीं भेजा जा रहा है, जबकि मौसम विभाग का मानना है कि मशीन से रिलेटेड जानकारी लोकल लेवल पर भी मिलनी चाहिए, ताकि हर जानकारी से फौरन मौसम विभाग अपडेट हो पाए.

कई जगह लगाई गई है मशीन

जानकारी हो कि इंडिया के विभिन्न जगहों पर जियो फिजिक्स के एक्सपर्ट और उनकी टीम की ओर से जीपीएस मशीन इंस्टॉल की जाती है. मशीन को जमीन के नीचे और ऊपर सेटेलाइट्स से कनेक्ट किया जाता है, ताकि हर पल अंदर की गतिविधि की जानकारी मिलते रहे. एयरपोर्ट स्थित पटना मौसम विभाग में भी मशीन लगाई गई है, मगर लोकल लेवल पर कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है.