- एक से 26 मार्च तक होंगे उत्तराखंड बोर्ड के एग्जाम

- इस बार राजस्व अधिकारियों को बनाया गया सेक्टर मजिस्ट्रेट

- नकलविहीन परीक्षा के लिए केंद्र व्यवस्थापकों की सुरक्षा पर फोकस

DEHRADUN: एक मार्च से शुरू होने वाले बोर्ड एग्जाम के लिए उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा परिषद ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। एग्जाम शांतिपूर्ण और नकलविहीन हो, इसके लिए शासन द्वारा गाइडलाइन तय कर दी गई है। इस बार जिलों में तैनात राजस्व अधिकारियों को एग्जाम के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है। इसके साथ ही चीफ सेक्रेटरी ने कमिश्नर व सभी डीएम को पत्र जारी कर एग्जाम सेंटर पर केंद्र व्यवस्थापक व कक्ष निरीक्षकों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए ताकि वे निर्भीकता से अपने कार्य का निर्वहन किया जाए।

 

एक सेक्टर में अधिकतम 12 सेंटर
चीफ सेक्रटरी द्वारा कमिश्नर व डीएम को जारी पत्र में निर्देश दिए कि बोर्ड एग्जाम में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारणा) अधिनियम, आईपीसी के अधीन अनुचित साधन प्रयोग, प्रश्न पत्र की गोपनियता भंग करने व हिंसक कृत्य जैसे अपराधों के विरुद्ध कड़ी व प्रभावी कार्रवाई की जाए। कहा कि परीक्षा केंद्रों को मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टरों के समकक्ष अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाकर यह भी सुनिश्चित किया जाए कि परीक्षा के दौरान एक सेक्टर में 10 या 12 से ज्यादा एग्जाम सेंटर न हों।

एग्जाम के दौरान यह रहेगी व्यवस्था

- नकलविहीन हो परीक्षा, नकल हुई तो सेक्टर मजिस्ट्रेट होंगे जिम्मेदार

-सेक्टर मजिस्ट्रेट दोनों पाली में करेंगे सेंटर का निरीक्षण

-एग्जाम शुरू होने से पहले डीएम लें विभागीय बैठक

-प्रश्न पत्रों की गोपनीयता से न हो कोई समझौता

-एग्जाम सेंटर के अंदर मोबाइल फोन, पेजर व अन्य उपकरण बैन

- नकल की सूचना पर तत्काल रोका जाए एग्जाम

-जिला व मंडलीय शिक्षा अधिकारियों द्वारा गठित हर सचल दल के साथ एक एसआई व दो पुलिसकर्मी हों तैनात