जो आईटी प्रोफेशनल अमेरिका में जॉब की योजना बना रहे हैं. यह न्यूज उनको जरूर खुशी दे सकती है. अमेरिका अपने पार्लियामेंट में अब एक ऐसा बिल पास करने की तैयारी कर रही है जिसके बाद यूएस के इंस्टीट्यूट से स्टडी करने के बाद वहां की कंपनियों में जॉब कर रहे प्रोफेशनल को वहां जॉब करने के लिए एच1बी वीजा पहले से ज्यादा मिलेंगे. अब इनकी संख्या डबल की जा रही है. अब यह 65 हजार से 1 लाख 15 हजार तक हो सकते हैं. इस बिल का विरोध भी हो रहा है.

सभी एप्लीकेंट को मिलेगा H1B वीजा

इस समय अमेरिका एच1बी कैटेगिरी में 65 हजार वीजा जारी करता है. वाशिंगटन पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से खबर छापी है कि सीनेट के प्रस्ताव में यह भी सिफारिश की गई है कि अमेरिकी यूनिवर्सिटीज से साइंस, आईटी, इंजीनियरिंग और गणित की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स को वहां रहने का लीगल राइट्स मिलने की संख्या असीमित कर दी जाएगी.

यदि यह प्रस्ताव अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव और सीनेट से पास हो गया तो फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट समेत अमेरिका की दिग्गज कंपनियों की यह शिकायत दूर हो जाएगी कि उन्हें देश में स्िकल्ड प्रोफेशनल्स नहीं मिल रहे हैं.

इंडियंस को होगा सबसे ज्यादा फायादा

नए प्रस्ताव से सबसे ज्यादा फायदा इंडियन आईटी प्रोफेशनल्स को होगा. हालांकि, इंडियन कंपनियों को कुछ खास नहीं मिलने वाला. प्रस्ताव में कहा गया है कि वही कंपनियां फायदा उठा पाएंगी, जिनमें एच1बी वीजा के तहत आने वाले इम्पलॉईज की संख्या 50 परसेंट से कम होगी.

आउटसोर्सिंग कंपनियां इस वीजा का यूज सस्ते कर्मचारियों को अमेरिका लाने के लिए करती हैं. इसका इस्तेमाल करने वाली 10 सबसे बड़ी कंपनियों में ज्यादातर इंडियंस हैं. ये कंपनियां भारत से तीन साल के लिए कर्मचारियों को अमेरिका लाती हैं. उन्हें यहां ट्रेनिंग देकर वापस इंडिया भेज देती हैं.

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