- जहां मन किया, वहीं फेंक देते हैं कूड़ा

- सड़कों पर गंदगी फैलाकर प्रशासन और नगर निगम को ठहराते हैं जिम्मेदार

- अपने घर के पास ही करें सफाई, तो मिले गंदगी से राहत

GORAKHPUR: देश भर में स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है। सभी मंत्री से लेकर अधिकारी तक अपने-अपने शहर को साफ-सुथरा करने की जद्दोजहद में जुटे हैं। हर तरफ लोग स्वच्छता अभियान चला रहे हैं, मगर शहर में हालात बिल्कुल उलट है। यहां स्वच्छ भारत अभियान की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। लोगों का जहां मन कर रहा है, वहीं पर कचरा फेंक दे रहे हैं, इसकी वजह से सड़कों पर गंदगी के अंबार नजर आने लगते हैं। वहीं, सफाईकर्मियों की लापरवाही से यह हालात काफी देर तक बनी रहती हैं। अगर हम सिर्फ अपने घर और इसके आसपास एरिया को साफ कर दें, तो शहर खुद साफ सुथरा हो जाएगा और स्वच्छ भारत अभियान चलाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

डस्टबिन खाली, सड़कों पर कूड़ा

शहर की पब्लिक की बात करें तो अब भी इनमें सिविक सेंस नहीं आ सका है। नगर निगम जगह-जगह डस्टबिन रखवाता है, लेकिन बावजूद इसके कूड़ा सड़कों पर पड़ा नजर आ ही जाता है। हालत यह है कि लोग दूसरों की नजर बचाने के चक्कर में जल्द से जल्द कूड़ा सड़कों पर ही फेंक कर भाग जाते हैं, जबकि वहीं डस्टबिन रहती है। लोग कूड़ा डस्टबिन में डाल देते हैं, जिससे सड़क पर से लोगों का गुजरना भी दूभर हो जाता है। नगर निगम की तरफ से लापरवाही यह रहती है कि उसके सफाईकर्मी लेट लतीफी के साथ सफाई करते हैं, जिससे देर दोपहर तक कूड़ा सड़कों पर पड़ा रहता है।

लोगों को पहले अपने अंदर झांकना होगा। घर से बाहर जो सड़कों पर हम कूड़ा फेंक देते हैं, इस पर ध्यान दें, तो समस्या खुद ब खुद दूर हो जाएगी और शहर भी साफ सुथरा हो जाएगा।

- सुशील राय, शिक्षक

लोग जल्दबाजी में सड़कों पर ही कूड़ा फेंक कर भाग निकलते हैं। इससे डस्टबिन रहने के बाद भी उसका यूज नहीं हो पाता है और सड़कों पर गंदगी फैल जाती है। इससे अपने एरिया की इमेज ही खराब होती है।

- डॉ। जेके पांडेय, शिक्षक

नगर निगम के जिम्मेदार भी कुछ हद तक इसके लिए जिम्मेदार है। लोग गंदगी फैलाने से तो बाज आते नहीं है, लेकिन नगर निगम कर्मी भी समय से सफाई नहीं करते हैं, जिसकी वजह से दिन में भी कूड़ा सड़कों पर नजर आ जाता है।

- नफीस अहमद, स्पो‌र्ट्स पर्सन

नगर निगम को चाहिए कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को ही अपनाए, जिससे लोग सड़क पर कूड़ा फेंके ही नहीं। इससे उनका सफाई में वेस्ट होने वाला टाइम भी बचेगा और गंदगी भी नहीं होगी।

- डॉ। पूजा आनंद, शिक्षक