-चाइल्ड लाइन ने सूचना मिलते ही बच्चे को लिया सुपुर्दगी में

बरेली: रेलवे ट्रैक पर गर्म शॉल में लिपटा हुआ रोता मासूम.. पास रखे बैग में खुले हुए बिस्किट और पानी की बोतल थी. लेकिन मासूम अपनी मां को याद करके ही रो रहा था. लेकिन बेरहम मां-बाप ही उसे जीवित नहीं रखना चाहते थे. शायद इसीलिए वह मासूम को रेलवे ट्रैक पर दोनों पटरियों के बीच छोड़कर चले गए. मासूम के रोने की आवाज सुन पुलिस चौकी चौकीदार मौके पर गया और सूचना देकर मासूम को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया.

दिव्यांग है मासूम

भोजीपुरा रेलवे जंक्शन से तीन सौ मीटर आगे रेलवे ट्रैक पर फ्राइडे शाम एक चार वर्षीय मासूम दोनों पटरियों के बीच में रो रहा था. मासूम के रोने की आवाज सुनकर पुलिस चौकी भोजीपुरा रेलवे स्टेशन के चौकीदार सुरेश यादव ने मौके पर जाकर देखा तो दंग रह गया. मासूम गर्म शॉल में लिपटा हुआ था, उसके पास पानी की बोतल और पालीथिन में बिस्किट भी खुले हुए रखे थे. इससे लग रहा था कि मासूम को कोई जानबूझ कर छोड़ गया है. सुरेश ने रेलवे ट्रैक से बच्चे को उठाया और पुलिस के साथ ही चाइल्ड लाइन को सूचना दी. सूचना पर चाइल्ड लाइन ने बच्चे को अपनी सुपुदर्गी लेकर शहर ले आई. चाइल्ड लाइन ने सैटरडे को मासूम का मेडिकल चेकअप कराया तो पता चला कि मासूम दिव्यांग है. वह न बोल सकता है और ही बैठ और चल सकता है. चाइल्ड लाइन को-आर्डिनेटर रमजीत सिंह ने बच्चे को अपने पास रखा है. मंडे को चाइल्ड लाइन बच्चे के लिए सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश करेगी.