मिड-डे मील में बच्चों को अब मिल सकेगी अरहर की दाल

हर मंगलवार को दी जाएगी, गेहूं और चावल की तरह एजेंसी करेगी सप्लाई

Meerut। बेसिक प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब विभाग अनिवार्य रूप से अरहर की दाल का स्वाद चखाएगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एक से आठवीं तक के बच्चों की थाली में हफ्ते में एक बार इस दाल को जरूर परोसा जाएगा। मिड-डे-मील 2003 मेन्यू के अनुसार अभी तक हर मंगलवार को बच्चों को चावल, चना, मसूर और अन्य दालों के साथ अरहर को आप्शन में रखा गया था। अब इसमें बदलाव किया गया है़

एजेंसी करेगी सप्लाई

मिड डे मील के तहत हर मंगलवार को बच्चों को एक दाल देने का प्रावधान हैं। अभी तक स्कूल चने की दाल देकर इसकी पूर्ति कर रहे थे जबकि कई स्कूलों में दाल दी ही नहीं जा रही थी, लेकिन गेहूं और चावल की तरह अरहर की दाल एजेंसी से स्कूलों को प्रोवाइड की जाएगी। शासन ने इसके लिए नेफेड एजेंसी को पत्र भी लिख दिया है। एजेंसी प्रदेश के सभी 75 जिलों में यह दाल मुहैया कराएगी।

परिवर्तन लागत से होगा भुगतान

अरहर की दाल की सप्लाई के लिए शासन की ओर से अलग से बजट जारी नहीं किया जाएगा। पहले से दी जा रही परिवर्तन लागत से ही एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। यही नहीं दाल सील बंद पैकेट में ही स्कूलों को सप्लाई की जाएगी ताकि इसकी मात्रा में किसी प्रकार की गड़बड़ी न की जा सके । हालांकि प्रति बच्चा दाल की मात्रा कितनी रहेगी अभी इसको स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। वहीं दाल के सैंपल को भी सुरक्षित रखा जाएगा। एक सैंपल एजेंसी और दूसरा सैंपल एफसीआई को रखना होगा ताकि कभी भी इसकी गुणवत्ता की जांच करवाई जा सके।

अरहर की दाल अभी तक ऑप्शनल थी। स्कूल अपनी इच्छा के अनुसार की इसे सप्लाई करते थे। अब शासन की ओर से अरहर की दाल की सप्लाई होगी। इससे स्कूलों की मनमानी रूकेगी और गड़बडि़यों पर भी अंकुश लगेगा

वीरेंद्र कुमार, डिविजनल कोर्डिनेटर, मिड डे मील