-मंडलीय हॉस्पिटल के बर्न वार्ड की हालत बेहद खराब, गर्मी व उमस से उबल रहे मरीज
-वार्ड में लगे सभी एसी महीनों से खराब, हॉस्पिटल प्रबंध बेफिक्र
मंडलीय हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में वही मरीज आते हैं जो किसी कारण से झुलसे होते हैं और जिंदगी और मौत से संघर्ष करते हैं। उनके लिए इलाज के साथ हॉस्पिटल का बेहतर माहौल बेहद जरूरी है। मंडलीय हॉस्पिटल को इससे कोई सरोकार नहीं है। बर्न वॉर्ड में एडमिट मरीज आग से झुलसने के बाद अब वार्ड की गर्मी से उबल रहे हैं। यहां लगे सभी एसी खराब हो चुके हैं। पंखे इस तरह चलते हैं कि उनसे राहत नहीं मिलती। चारों तरफ से बंद वॉर्ड में हवा आने की जगह है न जाने की। जिसके चलते झुलसे मरीज उमस और गर्मी से तड़प रहे हैं। मरीजों के हालात का जायजा लेने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम मंगलवार को बर्न वार्ड पहुंची। जो दिखा वो बेहद दर्दनाक था।
अधिकारियों को नहीं परवाह
मंडलीय हॉस्पिटल में 16 बेड के बर्न वॉर्ड की व्यवस्था बदहाल है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम यहां पहुंचा तो वॅार्ड में एडमिट पेशेंट व उनके अटेंडेंट बेहद परेशान दिखे। कई महिला तीमारदारों की आंखें भर आई। बताया कि लाइट जाने पर 3-3 घंटे बगैर पंखे के रहना पड़ता है। मरीज गर्मी से तड़पता रहते हैं और जिम्मेदार अधिकारी अपने दफ्तर में बैठ एसी की हवा खा रहे हैं। जबकि यहां लंबे समय से सभी एसी खराब पड़े हैं।
घर से लेकर आते हाथ वाला पंखा
वार्ड में एसी तो खराब पड़े हैं वॉल फैन भी मरीजों का साथ नहीं दे रहे है। पंखे की धीमी चाल से गर्मी से बेहाल पेशेंट को राहत देने के लिए कुछ तीमारदार हाथ वाला पंखा लेकर आते हैं। यही नहीं, मरीजों की ड्रेसिंग भी टाइम पर नहीं हो पा रही। यहां स्टाफ नर्स तक उपलब्ध नहीं रहते। पेशेंट्स के तीमारदारों का कहना हैं कि समस्याओं की शिकायत करने के बाद भी न तो डॉक्टर आए, न दवा दी गई और न ही ड्रेसिंग कराई गई। इस पर एसआईसी ने जिम्मेदारों को फोन कर उपचार करने को कहा लेकिन गर्मी से राहत का इंतजाम फिर भी नहीं किया गया।
टॉयलेट फैला रहा इंफेक्शन
बर्न पेशेंट सबसे सेंसेटिव माना जाता है, लेकिन यहां फैली अव्यवस्था के चलते मरीजों को दवा के साथ दर्द भी दिया जा रहा है। एसी के साथ यहां टॉयलेट भी खराब है। यहां फैली गंदगी की वजह से जहां पेशेंट में इंफेक्शन का खतरा बना हुआ है। वहीं उनके अटेंडेंट खासकर महिलाओं को बाथरुम जाने के लिए भी परेशानी हो रही है। शिकायतों के बाद भी समस्या दूर पहीं हो रही है। पुरुष टायलेट खराब होने से पुरुष मरीज भी महिला टॉयलेट में जाते है।
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एक माह पहले पत्नी को इस वार्ड में
एडमिट कराया था। कभी भी एसी नहीं चला। गर्मी बढ़ने की वजह से पत्नी न सो पा रही है बैठ पर रही है। शिकायत के बाद भी कुछ नहीं हो रहा।
पप्पू, रामनगर
20 साल की बेटी मोनी का इलाज करा रही हूं। उसके शरीर का 80 फीसदी हिस्सा जल गया है। केबिन में बहुत उमस है। ठंडी हवा न होने से मेरी बच्ची दिन-रात तड़पती रहती है। हमारी कोई नहीं सुन रहा।
रानी देवी, राजा तालाब
10 साल के बेटे का ईलाज चल रहा है। यहां मरीजों का दर्द कोई नहीं समझा रहा। दर्द के साथ गर्मी से मासूम बेहाल है। वार्ड की व्यवस्था बदहाल है। शिकायत पर नर्स कहती है ये तुम्हारा घर नहंी है।
रिंकू, महादेव नगर
एसी खराब होने की जानकारी उन्हें नहीं है, कभी-कभी खराब होने पर बनवाया जाता है। अगर वर्तमान में सभी एसी खराब है तो जल्द बनवाया जाएगा। लाइट जाने पर जनरेटर की व्यवस्था भी नहीं रहती।
डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ
एक नजर
16 बेड है वार्ड में
12 मरीज एडमिट है वर्तमान में
हर मरीज के लिए बनी है केबिन