एनडीएमए की चेतावनी

नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में निकट भविष्य में तेज भूकंप के तेज झटके आ सकते हैं. हिमाचल प्रदेश में शनिवार को आया भूकंप 4.5 रिएक्टर स्केल का था. प्रदेश में इस सप्ताह आया यह दूसरा भूकंप का झटका है. यहां पर भूकंप के झटके पांच से दस सेकेंड तक महसूस किए गए. इसका केंद्र कांगड़ा जिले में था. यह झटके पालमपुर, ज्वालामुखी और धर्मशाला समेत कुछ राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी महसूस किए गए.

सरकार तैयार, लोगों की नींद उड़ी

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव सुदिप्तो राय का कहना है कि सरकार अपनी तरफ से तो स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इसके लिए जनता को जागरुक रहना ज्यादा जरूरी है. हालांकि इन झटकों के बाद जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन एनडीएमए ने हिमाचल सरकार को ये चेतावनी दी है कि भूकंप के तेज झटके कभी भी हिमाचल में शिमला धर्मशाला और कांगड़ा के लिए बड़ा खतरा खड़ा कर सकते हैं. यहां के लोग जहां लगातार हो रही बारिश से परेशान हैं, वहीं भूकंप को लेकर दी गई चेतावनी ने भी उनकी नींद उड़ा रखी है.

खतरनाक जोन में धर्मशाला, कांगड़ा

दरअसल, एनडीएमए की चेतावनी में कहा गया है कि धर्मशाला और कांगड़ा समेत राज्य के कई हिस्से खतरनाक जोन में हैं. एनडीएमए के मुताबिक हिमालय की तलहटी में बसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्य भूकंप के लिहाज से बहुत संवेदनशील हैं. पिछले 90 साल में इन तीनों राज्यों में 300 से ज्यादा भूकंप आ चुके हैं रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 4 से 5 के बीच रही है.

जून में आ चुका है भूकंप

पिछले मंगलवार को कुल्लू और लाहौल-स्पीति में 5 तीव्रता का भूकंप आया था. 4 से 6 जून के बीच चंबा और लाहौल स्पीति में हल्के झटके महसूस किए गए था. चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर और बिलासपुर बेहद खतरनाक जोन में हैं. गौरतलब है कि इस इलाके में 108 वर्ष पहले आए भूकंप में करीब बीस हजार लोगों की जान चली गई थी.

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