- केदारनाथ में लैंडिंग करते हुए हेलीकॉप्टर हुआ क्रैश, पायलट समेत सभी कू मेंबर सुरक्षित

- गुप्तकाशी से निर्माण सामग्री लेकर केदारनाथ पहुंचा था हेलीकॉप्टर

RUDRAPRAYAG: केदारनाथ में वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर लैंडिंग के वक्त क्रैश हो गया। उसमें सवार दो पायलट और चार अन्य क्रू मेंबर सुरक्षित हैं। हेलीकॉप्टर निर्माण सामग्री लेकर केदारनाथ पहुंचा था। दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। इधर, राहत एवं बचाव कार्य के लिए गुप्तकाशी पहुंची सेना और जिला प्रशासन की टीम मौसम खराबी होने के कारण केदारनाथ नहीं पहुंच पाई।

गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए भरी थी उड़ान

डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यो के लिए गुप्तकाशी से हेलीकॉप्टर के जरिये सामग्री पहुंचाई जा रही है। मंगलवार सुबह पहला फेरा लगाने के बाद करीब साढ़े आठ बजे वायु सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने सिंचाई विभाग की निर्माण सामग्री लेकर केदारनाथ के लिए दूसरी बार उड़ान भरी। हेलीकॉप्टर को मंदिर के पीछे बने हेलीपैड पर उतरना था, लैंडिंग के वक्त हेलीकॉप्टर अनियंत्रित होकर जमीन पर गिर गया। उस वक्त हेलीकॉप्टर जमीन से आठ से दस मीटर की ऊंचाई पर था। जमीन पर गिरते ही उसमें धुआं उठने लगा, यह देख हेलीपैड के आस-पास काम कर रहे मजदूरों व कर्मचारियों ने उसमें सवार सभी छह सदस्यों को सकुशल बाहर निकाल लिया। ये सभी क्रू मेंबर हैं।

आज पहुंच सकती है डीजीसीए की टीम

इनमें पायलट विंग कमांडर एसएस मुल्तानी, को-पायलट आरएस चौधरी, एचआर ओझा, अखिलेश, एन राजन और ए कौशिक शामिल बताए जा रहे हैं। सभी वायुसेना की नागपुर स्थित 159 सीएसी यूनिट से जुड़े हुए हैं। हादसे में क्रू मेंबर्स को हल्की चोटें आई हैं। दुर्घटना की सूचना पर डॉक्टरों की टीम हेलीकॉप्टर से केदारनाथ रवाना हुई। लेकिन मौसम की खराबी की वजह से उन्हें रास्ते से ही लौटना पड़ा। पूरे दिन के इंतजार के बाद भी अफसर केदारनाथ के लिए उड़ान नहीं भर पाए। अब बुधवार सुबह अफसर केदारनाथ जाएंगे। इधर, हादसे के कारणों की जांच के लिए आज डीजीसीए की टीम केदारनाथ पहुंच सकती है।

आठ सालों में 5वां हादसा

आठ सालों के दरम्यान केदारनाथ में यह पांचवां हेलीकॉप्टर हादसा है। इनमें 22 को जान गंवानी पड़ी, जबकि आठ घायल हो गए थे। सबसे बड़ा हादसा वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के दौरान हुआ था। तब रेस्क्यू में जुटा वायुसेना का एमआई-17 हेलीकाप्टर क्रैश हो गया था, इसमें बचाव दल के 19 सदस्यों की मौत हो गई थी।