NAINITAL: हाई कोर्ट ने हेली सेवा के टेंडर पर लगी रोक को सात मई तक बढ़ा दिया है. चारधाम यात्रा में बदरी-केदारनाथ की हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्रियों को इंतजार करना पड़ेगा. इसी दिन मामले में सुनवाई भी होगी. देहरादून के आरडी ग्रुप ने याचिका दायर कर कहा था कि केदारनाथ-बदरीनाथ में आपदा के बाद सरकार ने यातायात व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए 14 कंपनियों को हेलीपैड बनाने की अनुमति दी थी. कंपनियों ने 14 तो सरकार ने भी चार हेलीपैड बनाए. 2016 में सरकार ने शासनादेश जारी किया कि मंदाकिनी घाटी में सुरक्षा की दृष्टि से एक बार में छह से अधिक हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सकते. भविष्य में हेलीपैड निर्माण की अनुमति नहीं देने का उल्लेख भी शासनादेश में किया गया था.

मंदाकिनी घाटी में चार हेलीपैड बना दिए
याचिका में कहा गया कि 14 कंपनियों के अलावा चार अन्य हेली कंपनियों ने भी मंदाकिनी घाटी में चार हेलीपैड बना दिए. जिसकी शिकायत डीएम ने सरकार से की थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी साल पांच फरवरी को सरकार ने हेली सर्विस के लिए 14 कंपनियों के लिए टेंडर जारी किया, मगर 16 फरवरी को सचिव उड्डयन ने निविदा में संशोधन कर चार और कंपनियों को बैकडोर से टेंडर प्रक्रिया में शामिल कर लिया. इन कंपनियों ने अवैध तरीके से हेलीपैड बना दिए. वेडनसडे को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद टेंडर प्रक्रिया पर पूर्व में लगी रोक को सात मई तक बढ़ाते हुए सुनवाई उसी दिन नियत कर दी.