स्टाफ की कमी के नाम पर विभाग में गड़बड़झाला

आरटीओ कार्यालय में बाबुओं काकाम कर रहे हेल्पर

साइन से लेकर वाहन की फिटनेस जांच भी कर रहे हेल्पर

Meerut। आरटीओ में अधिकारी दलाली और भ्रष्टाचार से मुक्त माहौल बनाने के प्रयास में हैं। लेकिन आरटीओ के बाबू ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में पीछे नहीं है। हालत यह है कि आरटीओ में कर्मचारियों की सीट पर हेल्पर ठसक के साथ नियम विरूद्ध कार्य में जुटे हैं।

कुर्सी से नदारद हैं बाबू

गौरतलब है कि आरटीओ में हाल ही में काउंटर्स पर संबंधित बाबू और उस काउंटर पर होने वाले काम की जानकारी के लिए काउंटर के बाहर एक बोर्ड पर लिखकर टांगा गया है। ताकि आवेदक को काउंटर पर संबंधित बाबू की पूरी जानकारी रहे। लेकिन गत सप्ताह लागू हुई यह व्यवस्था भरभरा कर ढह गई। विभाग के काउंटर्स पर नाम किसी अन्य का है और काम कोई दूसरा कर रहा है। हालत यह है कि बाबुओं की जगह प्राईवेट कर्मचारी और चपरासी काम संभाल रहे हैं।

काउंटर 16 पर महिला हेल्पर

आरटीओ के काउंटर नंबर 16 पर विभाग के बाबू मुंशी लाल की ड्यूटी है। काउंटर के बोर्ड पर भी उन्हीं का नाम व नंबर लिखा है। लेकिन अंदर ड्यूटी पर बाबू मुंशी लाल सीट से नदारद हैं और उनकी महिला हेल्पर फाइलों की जांच व साइन कर वाहनों के सीरीज नंबर के काम कर रही है।

फिटनेस जांच रहे चपरासी

हालत यह है कि आरटीओ में रोजाना आने वाले सैकड़ों वाहनों की फिटनेस के लिए भी निजी युवकों और विभाग में कार्यरत चपरासी को जिम्मेदारी मिली हुई है। आरआई की अनुपस्थिति में भी चपरासी ही वाहनों की फिटनेस फाइल की जांच और उगाही तक करता है। जबकि इस चपरासी को आरआई के साथ बतौर हेल्पर नियुक्त किया गया था।

विभाग में स्टॉफ की कमी है इसलिए कुछ चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को बतौर हेल्पर नियुक्त किया गया है। इनको किसी भी फाइल पर साइन करने का अधिकार नहीं है। यदि फिर भी ऐसा हो रहा है तो संबंधित बाबू या अधिकारी के खिलाफ एक्शन होगा।

डॉ। विजय कुमार, आरटीओ

काउंटर नंबर 16 पर कार्यरत महिला कर्मचारी को सहायता के लिए बाबू के साथ अटैच किया गया है। यदि वह किसी फाइल पर कोई साइन करती है तो भी उसे संबंधित बाबू के मार्क के बाद ही वैध माना जाएगा।

श्वेता वर्मा, एआरटीओ प्रशासन

स्टॉफ की कमी है इसलिए केवल हेल्प के लिए महिला को नियुक्त किया गया है लेकिन सभी पेपर वर्क या साइन मेरे द्वारा ही किए जाते हैं।

मुंशी लाल, बाबू