यमुना में अवैध खनन का आरोप लगाकर दाखिल की गयी थी याचिका

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इलाहाबाद में यमुना नदी घाटों पर अवैध खनन एवं वाहनों के आवागमन से फसलों को नुकसान को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार करते हुए खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि याचिका में लगाये गये आरोप सामान्य है। कहां और किसके द्वारा अवैध खनन हो रहा है। इसका उल्लेख नहीं किया गया है।

आरोप लगाया आधार नहीं बताया

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने अतुल सिंह चौहान की जनहित याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता बीबी पाल का कहना था कि याची ने जिलाधिकारी व एसएसपी से अवैध खनन जारी रहने की शिकायत की किन्तु पुलिस की मिलीभगत से जारी अवैध खनन पर रोक नहीं लगायी जा रही है। वाहनों के आवागमन से कई किसानों की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। दबंगई से बिना लाइसेन्स खनन किया जा रहा है। तेदुआरी आदि कई स्थानों पर जारी अवैध खनन पर कार्यवाही करने की मांग की गयी थी। कोर्ट का कहना था कि आरोप विशेषीकृत होना चाहिए। सामान्य आरोपों को लेकर निराधार याचिका दाखिल की गयी है। कोर्ट ने बिना ठोस आधार से दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

पूर्व जस्टिस एके त्रिपाठी आर्वीट्रेटर नियुक्त

हाईकोर्ट ने माघ मेला प्रयाग में सिविल वर्क के 37, 43, 785 रुपये के भुगतान विवाद को तय करने के लिए पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी को आर्वीट्रेटर नियुक्त किया है और निबन्धक कार्यालय को दो हफ्ते में न्यायमूर्ति त्रिपाठी की सहमति प्राप्त करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 22 मई को होगी।

यह आदेश जस्टिस एसपी केशरवानी ने ठेकेदार पवन कुमार सिंह के अधिवक्ता गया प्रसाद सिंह व स्थायी अधिवक्ता वीके पांडेय को सुनकर दिया है।

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यादव सिंह की बेटियों व बेटे को राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा भूमि आवंटन घोटाले के मुख्य आरोपी यादव सिंह की दो बेटियों व बेटे को अन्तरिम जमानत दे दी है और 21 मई तक सीबीआई से जमानत अर्जी पर जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा तथा डीके सिंह की खण्डपीठ ने याची अधिवक्ता दिनेश कक्कड़ व आईके चतुर्वेदी व सीबीआई अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश को सुनकर दिया है।