- हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड को दिए सख्त निर्देश

- सिनेमेटोग्राफ एक्ट का पालन व प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश

NANITAL: नैनीताल हाईकोर्ट ने फिल्मों में बढ़ती अश्लीलता को गंभीरता से लेते हुए सेंसर बोर्ड को फिल्मों में अश्लीलता पर अंकुश के लिए सिनेमेटोग्राफ एक्ट का पालन कर प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील पोस्टर चिपकाना प्रतिबंधित करने को कहा है। साथ ही पुलिस महानिदेशक को शराब, ड्रग्स इत्यादि को महिमामंडित करने वाले गानों व लाइव शो को भी राज्य में प्रतिबंधित करने के आदेश दिए हैं।

अश्लील फिल्मों व पोस्टरों पर रोक

हरियावाला ऊधमसिंह नगर निवासी राकेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सार्वजनिक स्थान पर लगे अश्लील पोस्टरों तथा सिनेमाहाल में प्रदर्शित हो रही ए श्रेणी की फिल्मों से 12 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लिहाजा अश्लील फिल्मों व पोस्टरों पर रोक लगाई जाए। बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद प्रदेश के जिलाधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील पोस्टर चिपकाना प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए। साथ ही सिनेमाहाल में 12 साल से कम आयु के बच्चों को ए श्रेणी की फिल्में देखने से रोकने के लिए कहा है।

दून को अतिक्रमण मुक्त बनाएं: हाईकोर्ट

- हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के लिए नोडल एजेंसी बनाने के दिए निर्देश

NANITAL: हाईकोर्ट ने देहरादून के फुटपाथ, गलियों, सड़कों व पैदल मार्गो से चार सप्ताह में तथा गंगा की सहायक नदी रिस्पना के किनारे तीन माह में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जिनके कार्यकाल में अतिक्रमण हुआ है। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के दौरान दून में धारा-144 यानि निषेधाज्ञा लगाने के साथ ही अतिक्रमण हटाने के लिए नोडल एजेंसी का गठन करने को कहा है। स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया कि एजेंसी का नोडल अधिकारी लोक निर्माण विभाग से बनाएं।

अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी एमडीडीए को

देहरादून निवासी मनमोहन लखेड़ा ने वर्ष 2013 में मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर दून शहर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की शिकायत की थी। पत्र का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में 2014 में देहरादून बार एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष राजीव शर्मा ने देहरादून के अतिक्रमण पर विस्तृत जानकारी कोर्ट के समक्ष पेश की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद देहरादून को अतिक्रमण मुक्त बनाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने उन आवासीय संपत्तियों को सील करने के आदेश दिए हैं, जिनके बेसमेंट का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। कहा कि इन बेसमेंट के आसपास ही अनधिकृत वाहन पार्क किए जा रहे हैं। कोर्ट ने पुनर्वास के नाम पर उन दुकानदारों की लीज निरस्त करने का आदेश दिया है, जिनके द्वारा पुरानी दुकान नहीं छोड़ी गई है। राज्य सरकार को ऐसा बाइलॉज बनाने के निर्देश दिए हैं, जिससे अनधिकृत निर्माण की कंपाउंडिंग में ज्यादा शुल्क वसूल किया जा सके। खंडपीठ ने डीजीपी को शहर को जाममुक्त करने के निर्देश दिए हैं। अतिक्रमण मुक्त हुए स्थान पर फिर से अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी एमडीडीए की है। ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ, सीएमओ व नगर स्वास्थ्य अधिकारी से हर दिन स्वच्छता से संबंधित रिपोर्ट रजिस्टार जनरल हाई कोर्ट को देनी होगी।

मंदिरों का प्रबंधन अपने कब्जे में ले सरकार

NANITAL: हाईकोर्ट ने प्रदेश के मंदिरों का प्रबंधन व रखरखाव अपने कब्जे में लेने व इसके लिए नियम बनाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। कोर्ट ने नैनीताल निवासी अधिवक्ता अंजलि भार्गव की उस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया है, जिसमें नैनीताल के प्रसिद्ध नैना देवी मेले की व्यवस्था जिला प्रशासन व पालिका द्वारा करने का आग्रह किया गया था। बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। खंडपीठ ने नैनीताल की भोटिया व तिब्बती मार्केट से अतिक्रमण हटाने के आदेश देते हुए कहा कि जिन दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण किया है, वह खुद हटाएं। जो नहीं हटाता है, उस दुकान की लीज पालिका समाप्त कर दी जाए।