- अवैध तरीके से चार हेलीपैड बनाने वाली कंपनियों को टेंडर प्रक्रिया में शामिल करने का आरोप

NAINITAL: हाईकोर्ट ने बदरीनाथ-केदारनाथ हेली सेवा की टेंडर प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है. कोर्ट के आदेश के बाद थर्सडे को खुलने वाली निविदा टल गई है. हाईकोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.

हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

देहरादून के आरडी ग्रुप ने याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने 2015 की केदारनाथ आपदा के बाद बदरी-केदारनाथ में यातायात व्यवस्था के लिए 14 हेली कंपनियों को हेलीपैड बनाने की अनुमति प्रदान की. इन कंपनियों ने 14 तो सरकार ने चार हेलीपैड बनाए. सरकार द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर 2016 में शासनादेश जारी कर मंदाकिनी घाटी में एक बार में छह से अधिक हेलीकॉप्टर उड़ाने पर रोक लगा दी थी. साथ ही यह भी कहा कि भविष्य में किसी तरह के हेलीपैड की अनुमति नहीं दी जाएगी. अभी यहां पर 18 हेलीपैड बने हैं, लेकिन इन 14 कंपनियों के अलावा चार अन्य कंपनियों द्वारा मंदाकिनी घाटी में चार नए हेलीपैड बना दिए गए. इसकी शिकायत जिलाधिकारी द्वारा सरकार से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसी साल पांच जनवरी को सरकार ने बदरीकेदार में हेली सेवा के लिए टेंडर आमंत्रित किए, लेकिन 16 फरवरी को सचिव नागरिक उड्डयन द्वारा निविदा को संशोधित कर बैक डोर से शामिल कर दिया है. इन कंपनियों द्वारा शासनादेश के बाद अवैध तरीके से हेलीपैड बना दिए थे. इस टेंडर प्रक्रिया को याचिकाकर्ता द्वारा चुनौती दी गई. थर्सडे को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए.