किराए पर दुकान देकर भूला निगम, 5 करोड़ से अधिक किराया बकाया
960 दुकानों से निगम ने नहीं वसूला 8 साल का किराया
आनन-फानन में निगम ने दुकानदारों को नोटिस भेजने शुरू किए
Meerut। इसे नगर निगम की सुस्ती कहें या भ्रष्टाचार कि निगम अपनी संपत्ति को किराए पर देकर किराया लेना ही भूला गया। निगम ने पिछले आठ साल से अपनी करीब 960 दुकानों से किराया नहीं वसूला है। अब यह रकम जब 5 करोड़ से अधिक पहुंच गई तो निगम को इसकी सुध आई और आनन-फानन में दुकानदारों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। विभाग के नोटिस से दुकानदारों में खलबली मच गई है।
करीब 5 करोड़ से अधिक
नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में किराए पर दुकानों का संचालन किया जाता है। इनमें निगम की करीब 960 के करीब दुकानें पिछले 15 साल से संचालित की जा रही है। इसके लिए निगम द्वारा बकाया किराया अनुभाग भी बनाया गया था, जिसका काम केवल निगम की संपत्तियों से किराया वसूलना और उनका हिसाब रखना है। हालांकि हाल में हुई राजस्व की गणना में जब किराया अनुभाग से वसूली में कमी का कारण पूछा गया तो यह बात सामने आई की करीब 5 करोड़ का किराया दुकानों से जमा ही नहीं हुआ है।
शुरू वसूली प्रक्रिया
नगर निगम ने अपनी इस गलती को छिपाने के लिए आनन-फानन में गत माह दुकानों की सूची तलब तक किराए का निर्धारण कर दुकानों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। इन नोटिस में दुकान को पिछले सात साल के किराए की गणना कर 20 से 30 लाख रूपये तक का नोटिस जारी किया गया है।
इन बाजारों में होगी वसूली
मीना बाजार
भगत सिंह मार्केट
पालिका बाजार
देहली गेट
सूरजकुंड
जेल चुंगी
पूर्वी कचहरी गेट
टाउन हॉल
शारदा रोड
शहर के कई बाजारों में निगम की दुकानों पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। इन दुकानों को नोटिस भेजकर किराया वसूलने या खाली कराने का प्रयास किया जा रहा है।
राजेश कुमार, प्रभारी, संपत्ति विभाग