-माणा गांव के युवाओं ने सरकार से मांगी होम स्टे में सब्सिडी

-ट्रेडेशनल ऊन की कारोबार को मॉडर्न स्किल से जोड़ने की भी मांग

देहरादून, देश के आखिरी गांव माणा में स्थानीय ग्रामीण स्टेट गवर्नमेंट की होम स्टे ड्रीम प्रोजेक्ट में कदम बढ़ाने को तैयार हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि गवर्नमेंट कुछ सब्सिडी पर विचार करे तो यहां मौजूद करीब 300 पुराने घरों को होट स्टे से जोड़ा जा सकता है. ग्रामीणों ने वर्षो से चली आ रही पारंपरिक ऊन के बुनाई प्रोडक्ट को भी मॉडर्न स्किल से जोड़ने के लिए चीफ सेक्रेटरी से आग्रह किया है. इधर, जिला प्रशासन का कहना है कि होम स्टे के लिए जितने भी ग्रामीण तैयार हैं, उन्हें पूरी मदद दी जाएगी. ट्रेडेशनल ऊन के प्रोडक्ट के बारे में डीएम चमोली फैसिलिटीज मुहैया करने की योजना तैयार की जा रही है.

जिला प्रशासन ने दिया भरोसा

सीमांत जनपद चमोली में मौजूद है माणा विलेज. माणा गांव को देश का आखिरी गांव भी कहा जाता है. बद्रीनाथ के कपाट खुलते ही माणा गांव में चहल-पहल शुरू हो जाती है. इस वर्ष 10 मई को बद्रीनाथ के कपाट खुलने हैं. माणा गांव के ग्रामीण एक से दो मई के बीच माणा गांव पहुंच जाएंगे. बद्रीनाथ से करीब ढ़ाई से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित माणा गांव में बर्फबारी के दौरान सभी ग्रामीण गोपेश्वर के घिंघराण, छिनका व जोशीमठ के लिए पलायन कर लेते हैं और कपाट खुलने के बाद छह माह के लिए माणा पहुंच जाते हैं. हालांकि माणा गांव से कुछ फैमिलीज ने अपना पलायन शहरों की ओर कर दिया है. इसकी वजह नौकरियां व कारोबार प्रमुख हैं. लेकिन, आज भी जो माणा विलेज के ग्रामीण मौजूद हैं, वे अपने ट्रेडिशनल ऊन के गरम कपड़ों के प्रोडक्ट तैयार करते हैं. यात्रा सीजन पर देश-दुनिया से पहुंचने वाले यात्री भी जमकर खरीदारी करते हैं. गत वर्ष अक्टूबर महीने में चीफ सेक्रेटरी उत्पल कुमार सिंह माणा गांव पहुंचे थे. तब उस दौरान पूर्व प्रधान पीतांबर मोल्पा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने माणा गांव के ऊन के गरम कपड़ों के ट्रेडिशनल कला को मॉडर्न स्किल से जोड़ने का आग्रह किया था. जिससे तैयार होने वाले ऊन के प्रोडक्ट में बाजारों में मौजूद नए डिजाइन जैसा स्वरूप दिया जा सके. डीएम चमोली स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि इसके लिए जिला प्रशासन तैयार हैं, कम्यूनिटी सेंटर खोलने पर विचार किया जा रहा है.

300 घरों को जोड़ने की योजना

माणा विलेज के ग्रामीणों ने होम स्टे योजना के तहत विलेज में मौजूद 300 घरों को जोड़ने की योजना भी बनाई है. पूर्व प्रधान पीतांबर मोल्पा कहते हैं कि इसके लिए माणा के उन अप्रवासी व प्रवासियों से संपर्क किया जा चुका है, जो दूसरे शहरों व राज्यों में हैं. उन्होंने इस पर मंजूरी भी दे दी है. उन्हें माणा विलेज आने पर खाने, रहने की सुविधाएं दी जाएंगी. माल्पा का कहना है कि सरकार को सब्सिडी पर विचार करना चाहिए. इसके लिए माणा विलेज के कई यूथ्स ने दूसरे राज्यों का विजिट भी कर दिया है. डीएम स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि माणा में होम स्टे योजना के इच्छुक ग्रामीणों को जिला प्रशासन लाभ देने के लिए तैयार है. जिले के सभी बीडीओ को होम स्टे के लिए प्रोत्साहित करने के पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं. होम स्टे के लिए जितने भी एप्लीकेशन आएंगे, एक्सेप्ट किए जाएंगे.