- गोरखपुर में कार्रवाई से बढ़ा जांच का दायरा

- आरटीओ से जानकारी चुराने की होगी पड़ताल

GORAKHPUR: नेपाल बॉर्डर से यूपी के जिलों में हनीट्रैप का खेल चल रहा है। आरटीओ जैसी संस्थाओं से जानकारी चुराकर हनीट्रैप के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। शहर के गोलघर के मोबाइल कारोबारी भाइयों सहित छह की गिरफ्तारी के बाद हनीट्रैपके लिंक भी खोजे जा रहे हैं। इसकी पड़ताल में सुरक्षा एजेंसियां नेपाल बॉर्डर से सटे जिलों के आरटीओ में भी जांच पड़ताल कर सकती हैं। हालांकि एटीएस के सीनियर अफसर इसकी पुष्टि तो नहीं कर रहे लेकिन हनीट्रैप को जांच के दायरे में शामिल कर लिया गया है। शहर के कई रईस हफ्ते में दो से तीन बार नेपाल का चक्कर लगाते हैं। कुछ लोगों ने चंद दिनों में नेपाल के भीतर बड़ा कारोबार भी फैला लिया है।

हनीट्रैप के जरिए बने नेटवर्क का हिस्सा

पाकिस्तानी चरमपंथी संगठन लश्कर ए तैयबा के इशारे पर काम करने के आरोप में यूपी एटीएस की टीम ने 10 लोगों को अरेस्ट किया है। शनिवार कओ कैंट एरिया के गओलघर स्थित बलदेव प्लाजा, शाहपुर, खोराबार सहित आधा दर्जन जगहों पर एटीएस संग मिलकर क्राइम ब्रांच की टीम ने छापेमारी की। पाकिस्तान से सीधे ऑर्डर पर फर्जी एकाउंट खोलकर टेरर फंडिंग के लिए भारत में पैसा जमा कराने के मामले में उमा प्रताप, संजय, नसीम और नईम को पकड़ा गया है। छह अन्य लोग सीधे पाकिस्तान के संपर्क में नहीं थए। लेकिन वह लोग फर्जी बैंक एकाउंट, कार्ड स्वैपिंग और अन्य माध्यमों से रुपए का लेनदेन करते थे। इस जांच में हनी ट्रैप का तथ्य भी सामने आया है। कुछ लोग हनीट्रैप के जरिए इस नेटवर्क का हिस्सा बने हैं। उनको इससे जोड़ने के लिए पूरी डिटेल उपलब्ध कराई गई थी।

बॉर्डर पर जारी हुआ था अलर्ट

करीब दो साल पूर्व नेपाल बॉर्डर पर हनीट्रैप को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी। लेकिन तब इसको गंभीरता से नहीं लिया गया। गोरखपुर में कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद से हनीट्रैप को लेकर भी जांच शुरू की गई है। नेपाल बॉर्डर के आसपास जिलों के कई बड़े कारोबारियों का अक्सर नेपाल आना जाना होता है। कुछ लोग तो हफ्ते में दो से तीन चक्कर भी लगा लेते हैं। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि मार्च के पहले हफ्ते में सोनौली बॉर्डर पर हनीट्रैप का एक मामला सामने आया था। तभी नेपाल की एक संस्था ने बॉर्डर पर हनीट्रैप करने वाली ग‌र्ल्स के एक्टिव होने की सूचना पुलिस को दी। संस्था के लोगों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बॉर्डर पर तस्करी, नशा और अन्य अराजक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हनीट्रैप को बढ़ावा दिया जा रहा है।

आरटीओ स चुराई जानकारी, सोशल मीडिया बना हथियार

नेपाल बॉर्डर पर देश विरोधी गतिविधियों का संचालन काफी पहले से हो रहा है। एटीएस की जांच में सामने आया है कि रुपए का लेनदेन करके सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए हनी ट्रैप का तरीका अपनाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सोशल मीडिया के जरिए जहां हनीट्रैप का जाल फैलाया जा रहा है। वहीं आरटीओ जैसी संस्थाओं से लग्जरी वाहन रखने वाले ऑनर्स की जानकारी चुराई जा रही है। नेपाल बॉर्डर से सटे जिलों के आरटीओ से कार ऑनर्स की जानकारी चुराई जा रही है। दो दिन पूर्व गोरखपुर में पकड़े गए लोग भी लग्जरी गाडि़यों के मालिक हैं। इस मामले की तह तक जाने के लिए आरटीओ से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा सकती है।

मिस्ट्री गर्ल की सक्रियता, हवाला से ट्रांसफर हुआ पैसा

एटीएस की जांच में सामने आ चुका है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट्स और उनसे जुड़े लोग यूपी में एक्टिव हैं। वर्ष 2017 में मुंबई से पकड़े गए जावेद, अल्ताफ और फैजाबाद से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट आफताब ने एटीएस को एक युवती के बारे में जानकारी दी थी। उसने बताया था कि एक लड़की के माध्यम से कुछ लोगों को जाल में फंसाकर जानकारी ली गई। हवाला के जरिए आईएसआई एजेंट्स तक रकम भी पहुंचाई गई। तब पता लगा था कि आठ लोगों के बीच रकम का लेनदेन हुआ था। इसमें चार लोग यूपी के हैं जबकि अन्य लोग दिल्ली, मुंबई और मध्य प्रदेश से जुड़े हुए हैं। जुलाई 2017 में पाकिस्तानी युवती के फर्जी एकाउंट के जरिए कश्मीर, अखनूर के एक युवक से सूचनाओं के आदान-प्रदान और लेनदेन की बात सामने आ चुकी है।